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रतन टाटा का आखिरी भाषण, जिसे सुनकर PM मोदी भी हो गए थे मुरीद

Published by
Mahak Singh

रतन टाटा जी , भारत के सबसे प्रतिष्ठित बिजनेसमैन और उद्योगपति, का निधन बुधवार रात को हुआ, जिसने पूरे देश को शोक में डाल दिया। उनके जाने से जो खाली स्थान बना है, उसे भरना आसान नहीं होगा। लेकिन उनकी यादें और उनकी प्रेरणादायक बातें हमेशा हम सबके साथ रहेंगी। हाल ही में, उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें वे अपना अंतिम भाषण देते नजर आ रहे हैं।

रतन टाटा जी का अंतिम भाषण

रतन टाटा जी ने अपना आखिरी सार्वजनिक भाषण 28 अप्रैल 2022 को दिया था, जब वे असम में नए कैंसर अस्पतालों के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद थे। रतन टाटा के इस भाषण को सुनकर प्रधानमंत्री मोदी भी उनकी प्रशंसा करने से नहीं चूके।

ये कैंसर अस्पताल, जो टाटा ट्रस्ट के योगदान से बनवाए गए थे, असम की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे थे। रतन टाटा ने अपने भाषण में उस दिन को असम के इतिहास के लिए बहुत खास बताया। उन्होंने कहा, आज असम दुनिया को बता सकता है कि भारत का एक छोटा सा राज्य कैंसर का इलाज कर सकता है।

अपने भाषण की शुरुआत में, रतन टाटा जी ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री सरमा का धन्यवाद किया। उन्होंने आशा जताई कि असम और भारत का झंडा हमेशा ऊंचा रहेगा। यह भाषण केवल एक उद्घाटन समारोह नहीं था, बल्कि यह एक प्रेरणा था, जिसने सभी उपस्थित लोगों को आगे बढ़ने का हौसला दिया।

रतन टाटा का योगदान

रतन टाटा जी का जीवन हमें सिखाता है कि समाज सेवा और व्यापार को कैसे एक साथ चलाया जा सकता है। उनका दृष्टिकोण न केवल व्यापार के प्रति बल्कि समाज के प्रति भी सकारात्मक था। वे हमेशा अपने व्यवसाय के माध्यम से देश की सेवा करने के लिए तत्पर रहे।उनके निधन के साथ, देश ने एक महान व्यक्तित्व को खो दिया है, लेकिन उनकी विरासत और उनकी बातें हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी। रतन टाटा जी ने हमें यह सिखाया कि एक व्यक्ति अपने विचारों और कार्यों से समाज को कैसे बदल सकता है।

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