लखनऊ । कानपुर में वर्ष 2015 में हुए दंगे के मुकदमे को उत्तर प्रदेश सरकार वापस लेगी. इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी कानपुर नगर को पत्र भेजा गया है. फजलगंज थानान्तर्गत की दर्शन पुरवा चौकी के प्रभारी ने 24 अक्टूबर 2015 को लगभग 50 से अधिक उपद्रवियों के खिलाफ बलवा, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
तहरीर में कहा गया था कि मुहर्रम का जुलूस 23 अक्टूबर 2015 को सीसामऊ थाना क्षेत्र से शुरू हुआ था. जुलूस जरीब चौकी के सामने से होते हुए फजलगंज की ओर जा रहा था. इसी दौरान मार्ग में दर्शन पुरवा के पास एक बैनर लगा हुआ था. इस बैनर में 25 अक्टूबर को होने वाले भंडारे के बारे में लोगों को सूचित किया गया था. इस बैनर पर दुर्गा जी की फोटो छपी हुई थी. जुलूस के दौरान बैनर टूट कर नीचे गिर गया. आरोप है कि जुलूस में शामिल लोगों ने जानबूझकर बैनर को खींच कर गिरा दिया था. इसके बाद मौके पर विवाद हो गया. काफी देर तक बातचीत के बाद दोनों पक्षों में समझौता हुआ और यह भी तय हुआ था कि जिस जगह पर विवाद हुआ है वहां से जुलूस नहीं निकाला जाएगा.
घटना के बाद अराजक तत्वों ने स्थानीय लोगों को उकसाया जिसके कारण मोहल्ले में दंगा भड़क गया. दंगा भड़कने के बाद आपत्तिजनक नारे लगाये गए. पुलिस ने आक्रोश शांत कराने का प्रयास किया मगर आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर भी पथराव किया. पुलिस के ऊपर हुए पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए. पथराव के कारण पुलिस वालों के हेलमेट व बॉडी प्रोटेक्टर भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे. उपद्रव कर रहे लोगों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. समाजवादी पार्टी की सरकार में थाना फजलगंज में हिन्दुओं के खिलाफ दंगा भडक़ाने व बलवा आदि के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस मुकदमे के साक्ष्य एवं अभियोजन की रिपोर्ट के आधार पर शासन यह निर्णय लिया है कि इस मुकदमे को वापस लिया जाएगा. इस सम्बन्ध में आवश्यक विधिक कार्यवाही शुरू कर दी गई है.
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