नई दिल्ली । चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बुधवार को उप-राज्यपाल वीके सक्सेना से दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ‘शीशमहल’ के नाम से चर्चित सरकारी आवास के इन्फ्रास्ट्रक्चर का ऑडिट कराने की मांग की है।
खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री का ‘शीशमहल’ के नाम से चर्चित सरकारी आवास के इन्फ्रास्ट्रक्चर का ऑडिट होना चाहिए, क्योंकि इसके निर्माण में जनता के टैक्स का पैसा बेहिसाब और बेदर्दी से इस्तेमाल किया गया है। यह जानना बेहद जरूरी है कि किस प्रकार से सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बर्बादी के खेल को अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका खुलासा होना चाहिए क्योंकि जनता को यह जानने का हक है कि उनके मेहनत की कमाई का उपयोग कैसे किया जा रहा है।
सांसद खंडेलवाल ने कहा, “जनता के टैक्स से जमा की गई धनराशि का उपयोग जनता की भलाई और विकास के लिए होना चाहिए, न कि किसी एक व्यक्ति के विलासिता पूर्ण जीवन जीने के लिए। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि केजरीवाल के नेतृत्व में एक सरकारी आवास को अत्यधिक खर्च करके ‘शीशमहल’ में तब्दील कर दिया गया। इसका इन्फ्रास्ट्रक्चर का ऑडिट कराना जरूरी है, ताकि यह साफ हो सके कि इस प्रोजेक्ट में किस हद तक अनियमितताएं हुई हैं और जनता के पैसों का किस दुरुपयोग हुआ है।”
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ एक व्यक्ति से संबंधित नहीं है, बल्कि यह पूरे प्रशासनिक तंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही का सवाल है। खंडेलवाल ने उप-राज्यपाल से इस मामले की विस्तृत जांच और ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की भी मांग की है, ताकि दिल्ली की जनता को इसकी वास्तविकता का पता चल सके। खंडेलवाल ने कहा कि यह जनता के पैसों की बर्बादी का एक ज्वलंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने जिस प्रकार से एक साधारण सरकारी आवास को करोड़ों रुपये खर्च कर ‘शीशमहल’ में तब्दील किया है, वह जनता के साथ विश्वासघात है, जो यह दिखाता है कि जनता के पैसों का किस हद तक दुरुपयोग किया जा सकता है।
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