हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब जलेबी, एक साधारण भारतीय मिठाई, चुनाव प्रचार और राजनीतिक व्यंग्य का केंद्र बिंदु बन गई। यह सब राहुल गांधी की गोहाना में रैली के दौरान शुरू हुआ, जब उन्होंने एक स्थानीय मिठाई की दुकान, मातू राम हलवाई की जलेबी की तारीफ की। उनके इस बयान को सोशल मीडिया पर चुटकुलों और मीम्स का विषय बन गया।
जलेबी की शुरुआत कैसे हुई?
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि गोहाना की प्रसिद्ध जलेबी पूरे भारत में बेची जानी चाहिए और इसे बड़े पैमाने पर तैयार करने के लिए कारखाने में बनाया जा सकता है। उनका यह बयान हास्य और व्यंग्य का कारण बन गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि जलेबी का असली स्वाद तब आता है जब यह ताजी बनाई जाती है, और इसे फैक्ट्री में तैयार करके बेचना इसका स्वाद बिगाड़ सकता है।
हरियाणा भाजपा ने जीत की खुशी में राहुल गांधी के घर पर 1 किलो जलेबी भेजने की खबर दी। भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक स्नैपशॉट शेयर किया, जिसमें दिखाया गया कि जलेबी दिल्ली के प्रसिद्ध कन्फेक्शनरी से राहुल गांधी के निवास स्थान 24, अकबर रोड पर भेजी गई थी। भाजपा ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए कहा, भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के सभी कार्यकर्ताओं की ओर से राहुल गांधी के घर जलेबी भेजी गई है।
जलेबी और भाजपा की जश्न की लहर
हरियाणा में भाजपा की भारी जीत के साथ, जलेबी की चर्चा केवल हरियाणा तक सीमित नहीं रही। गुजरात भाजपा ने भी इस मजेदार राजनीतिक टकराव में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित कई भाजपा नेताओं ने जलेबी के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट कीं और इस जीत का स्वाद चखा। सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट करते हुए नेताओं ने अपनी मिठाई का आनंद लिया और इस क्षण को साझा किया।
यहां तक कि जब हरियाणा में भाजपा की शानदार वापसी की चुनावी रुझानों में दिखाई देने लगी, तब पार्टी ने जश्न के लिए 100 किलो जलेबी का ऑर्डर दिया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा, “जलेबी के सपने देखने वाले इन लोगों को जलेबी भी नहीं मिली।”
भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने भी इस मौके को अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भुनाया। उन्होंने जलेबी खाते हुए अपनी एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा, “आज की जलेबी बहुत स्वादिष्ट थी।
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