चंडीगढ़ । हरियाणा विधानसभा चुनाव की मतगणना के दौरान कांग्रेस द्वारा लगाए गए आंकड़ों में देरी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर मतगणना के आंकड़ों को जानबूझकर देरी से अपडेट करने का आरोप लगाया था, जिसे आयोग ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
चुनाव आयोग का स्पष्ट बयान
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों को “गैर-ज़िम्मेदाराना, निराधार और दुर्भावनापूर्ण” करार देते हुए कहा, “आपके (कांग्रेस) गलत आरोप को साबित करने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है। आयोग गैर-ज़िम्मेदाराना, अप्रमाणित और दुर्भावनापूर्ण बात को बढ़ावा देने के आपके प्रयासों को सिरे से खारिज करता है।”
आयोग ने जोर देकर कहा कि चुनाव प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न की गई है, और मतगणना के दौरान किसी भी तरह की देरी या गड़बड़ी का कोई प्रमाण नहीं है।
कांग्रेस का आरोप और आयोग की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने यह आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग जानबूझकर मतगणना के आंकड़ों को अपडेट करने में देरी कर रहा है, जिससे चुनाव परिणामों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “लोक सभा नतीजों की तरह हरियाणा में भी चुनावी रुझानों को जानबूझकर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर धीमे धीमे शेयर किया जा रहा है। क्या भाजपा प्रशासन पर दबाव बनाने की चेष्टा कर रही है।”
Here is my letter to @ECISVEEP on the inordinate and unacceptable delay in updating trends in the Haryana assembly elections pic.twitter.com/Lvq747seTz
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 8, 2024
लेकिन चुनाव आयोग ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि हरियाणा चुनाव की मतगणना निर्धारित समय के अनुसार और पूरी पारदर्शिता के साथ हो रही है।
चुनाव आयोग का निष्पक्षता पर जोर
आयोग ने अपने बयान में कहा कि “चुनाव की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और नियमों के मुताबिक हो रही है। मतगणना की हर प्रक्रिया को मॉनिटर किया जा रहा है और किसी भी तरह की गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं है।” आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मतगणना की प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं और हर पार्टी को समान रूप से जानकारी दी गई है।
राजनीतिक आरोपों पर आयोग की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि ऐसे गैर-जिम्मेदाराना आरोप चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठाने का प्रयास हैं, जो कि लोकतंत्र के लिए हानिकारक हैं।
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