कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की मृतका को इंसाफ दिलाने के लिए जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन लगातार किए जा रहे हैं। डॉक्टरों ने अब तो आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उनके आमरण अनशन शुरू किए जाने के तीन दिन हो चुके हैं। प्रदर्शनकारी डॉक्टर लगातार अभया को न्याय दिलाने और कार्यस्थल की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि राज्य सरकार हमारी मांगों की सुनवाई नहीं की जा रही है। जूनियर डॉक्टर अनिकेत महतो ने पीटीआई के हवाले से कहा कि हमें ममता सरकार की ओर से कोई भी संदेश नहीं मिला है। हम अपनी मांगों के पूरा होने तक आमरण अनशन को जारी रखेंगे। डॉक्टरों का कहना है कि कोई भी बाहरी दबाव हमें अपनी मृतक बहन के लिए न्याय के लिए विरोध के रास्ते से कोई हटा नहीं सकता है।
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अनिकेत आरजी कर अस्पताल में ही काम करते हैं। उन्होंने बताया कि कोलकाता मेडिकल कॉलेज की स्निग्धा हाजरा, तनया पांजा और अनुस्तुप मुखोपाध्याय, एसएसकेएम अस्पताल के अर्नब मुखोपाध्याय, एनआरएस मेडिकल कॉलेज के पुलस्थ आचार्य और केपीसी मेडिकल कॉलेज की सायंतनी घोष हाजरा के साथ आमरण अनशन में शामिल थे। इतना ही नहीं जूनियर डॉक्टरों ने अपने अनशन स्थल से खुद को बचाने के लिए उन जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जहां पर उनके साथी हड़ताल कर रहे हैं।
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बता दें कि इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने डॉक्टरों से बात करके इस मामले को सुलझाने की बात की थी। इसके साथ ही डॉक्टरों ने पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री के साथ होने वाली मीटिंग को लाइव करने की मांग की थी, लेकिन ममता ममता बनर्जी की सरकार इसके लिए तैयार ही नहीं थी।
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