हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली स्थित अवैध मस्जिद के बाद पूरे प्रदेश में हिंदू संगठनों ने विभिन्न स्थानों पर बनी अवैध मस्जिदों को हटाने और बाहरी मुसलमानों के वहां आकर बसने के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। इसी कड़ी में कुल्लू जिला के अखाड़ा बाजार की रामगली में बनी जामा मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर लोग सड़कों पर उतरे हैं। इस मस्जिद को पहले नगरपालिका परिषद ने अवैध बताया था। बाद में कुल्लू के एसडीएम ने जांच की और मस्जिद को वैध बता दिया। हिंदू संगठनों का आरोप है,‘‘एसडीएम सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं और वह वही बोल रहे हैं जो उन्हें सरकार की तरफ से कहा गया है। उन्होंने जो तथ्य मस्जिद को लेकर दिए गए हैं वे गलत हैं। यह सब सरकार के इशारे पर किया जा रहा है। कुल्लू घाटी को राम की नगरी के रूप में पहचाना जाता है। घाटी के मुख्य शहर की रामगली में जामा मस्जिद कैसे बनाई जा सकती है?’’
मुसलमानों को दी जा रही तरजीह
अवैध मस्जिद और बाहर से आकर यहां बसने वाले मुसलमानों का विरोध कर रहे लोगों का कहना है,”वर्तमान सरकार के समय में राज्य की 97 प्रतिशत जनता के हितों को दरकिनार कर वोटबैंक की राजनीति के लिए मुसलमानों को अधिक महत्व दिया जा रहा है।’’
कुल्लू के राजा हैं भगवान राम
श्री राम जन्मभूमि अयोध्या की तरह ही कुल्लू में भी सबसे अधिक भगवान राम की पूजा होती है। यहां के दशहरे को देखने के लिए देश—विदेश से लोग आते हैं। श्री राम न केवल कुल्लू वासियों के अराध्य हैं बल्कि यहां के राजा भी हैं। यहां के हिंदू राम गली में बनी जामा मस्जिद को अवैध बताकर इसे हटाने को लेकर सितंबर माह में दो बड़े प्रदर्शन कर चुके हैं। आगामी 12 अक्तूबर को यहां पर अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव होना है।
गत 30 सितंबर को हिंदू संगठनों ने कुल्लू के रामशिला चौक से अखाड़ा बाजार तक ढोल-नगाड़ों के साथ प्रदर्शन किया था। प्रशासन की ओर से लगाई गई धारा 144 के बावजूद कुल्लू के बाजार में यह प्रदर्शन किया गया। देवभूमि जागरण मंच के अध्यक्ष क्षितिज सूद ने प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार की ओर से प्रदर्शन में आने वाले लोगों की राह रोकने के प्रयासों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, ‘‘जामा मस्जिद को लेकर सरकार और प्रशासन की ओर से लोगों को गुमराह किया जा रहा है। रामगली में जामा मस्जिद का निर्माण अवैध है। इसे श्रीराम की नगरी से शीघ्र हटाया जाना चाहिए।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से जो दस्तावेज दिखाए गए हैं वे सही नहीं हैं। सूद ने कहा, ‘‘ संजौली में आंदोलन के बाद हिंदू समाज में जागरूकता बढ़ी है। आने वाले समय में हमारा संगठन प्रदेश के गांव-गांव में जाकर लोगों को बाहरी मुसलमानों के प्रति जागरूक रहने और उनके बारे में प्रशासन को जानकारी देने को प्रेरित करेगा। बिना पंजीकरण और बिना दस्तावेजों के सामान बेचने आने वाले लोगों को भी रोका जाएगा।’’
क्या है पूरा मामला
कुल्लू अखाड़ा बाजार में अवैध मस्जिद को लेकर हिंदू संगठनों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने ऐसा न करने की सूरत में बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी भी प्रशासन को दी थी। सरकार ने लोगों के आक्रोश को देखते हुए तत्काल प्रभाव से जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम विकास शुक्ला को मामले की जांच करने को कहा। 29 सितंबर को उन्होंने प्रेसवार्ता कर कहा कि मस्जिद अवैध नहीं है। इस जमीन पर वक्फ बोर्ड का मालिकाना है।
दबाव में हैं अधिकारी
हिंदू संगठनों का कहना है कि अधिकारी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। जो कागजात देवभूमि जागरण मंच के पास हैं उनमें राम गली में बनी इस मस्जिद का मालिकाना हक खादी ग्रामोद्योग के नाम होने की पुष्टि होती है। प्रदेशभर में अवैध मस्जिदों के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर का कहना है, ‘‘सरकारी अधिकारी सरकार की जबान बोल रहे हैं। हमसे कहा जा रहा है कि यह मस्जिद वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी है जो सरासर गलत है। हमारे पास भी जमीन के दावे से संबंधित दस्तावेज हैं। सरकार इस मामले में भेदभाव की भावना से काम कर रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संजौली में भी हमारे लोगों को जाने नहीं दिया गया था। जबकि बाहर से आए आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) जैसे राजनीतिक दल के नेता शोएब जमई को वहां जाने दिया गया। उसने वहां से लाइव रिकॉर्डिंग भी की। इस मस्जिद के मामले में भी हम नगर निगम अदालत के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद संघर्ष समिति के सभी सदस्य बैठक कर आगामी रणनीति बनाएंगे। प्रदेशभर में जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति जेल जाएगा और इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भी गिरफ्तारियां देंगे और जेल जाएंगे। सरकार अवैध मस्जिदों के निर्माण को हल्के में ले रही है। अब पूरे प्रदेश में ये मामले उठेंगे। उच्च न्यायालय के आठ बड़े नामी वकील हमारी तरफ से पूरे मामले को देख रहे हैं। हम आगे की कानूनी लड़ाई लड़ने को पूरी तरह से तैयार हैं।’’
उग्र प्रदर्शन की चेतावनी
क्षत्रिय महासभा के राज्य उपाध्यक्ष जितेंद्र राजपूत का कहना है ‘‘सनातन समाज को एकजुट होने की जरूरत है। आने वाले समय में सनातन समाज मिलकर आंदोलन की जैसी रूपरेखा तैयार करेगा हम लोग वैसे ही काम करेंगे। अभी तक जो प्रदर्शन हो रहे हैं वे शांतिपूर्ण हैं लेकिन यदि सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानीं तो आने वाले समय में क्षत्रिय महासभा उग्र प्रदर्शन करेगी। देवभूमि संघर्ष समिति के सदस्य पुष्पेंद्र शर्मा का कहना है ,‘‘ प्रदेश में मस्जिदों का निर्माण बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। इनके निर्माण पर सरकार को नजर रखने की जरूरत है। हिमाचल में जिन भी संपत्तियों को वक्फ अपना बता रहा है उनकी जांच किए जाने की जरूरत है। विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री तुषार डोगरा ने का कहना है, ‘‘वक्फ की संपतियां 25 वर्ष में दोगुनी हो गई हैं जो चिंता का विषय है। वक्फ कानून को पूरी तरह रद्द कर नया कानून बनाए जाने की जरूरत है। तभी इस तरह हरकतों से छुटकारा मिलेगा।
अपने ही नेता से कांग्रेस नाराज
अवैध मस्जिदों के साथ प्रदेश में बाहरी रेहड़ी—पटरी लगाने वालों को लेकर भी मामला गरमाया हुआ है। लोगों का कहना है कि यहां पर दूसरे राज्यों से आकर लोग रेहड़ी पटरी लगाते हैं ओर आपराधिक कृत्यों को अंजाम देते हैं। ऐसी कई घटनाएं राज्य के विभिन्न हिस्सों में हो चुकी हैं। रेहड़ी—पटरी लगाकर व्यापार करने वालों को लेकर ‘स्ट्रीट वेंडर एक्ट’ में नए नियम बनाए जाने को लेकर विधानसभा में मुद्दा उठाया गया था। इसके बाद विधानसभा की ओर से सभी राजनीतिक दलों के विधायकों की एक कमेटी का गठन किया। इस कमेटी के सदस्य लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश की तरह दुकानदारों को अपनी दुकान के बाहर अपना पूरा नाम लिखने का सुझाव दिया था। उन्होंने संजौली अवैध मस्जिद मामले को भी उठाया था। उनके बयान का भाजपा विधायकों की ओर से खुलकर समर्थन किया गया लेकिन कांग्रेस उनसे नाराज दिखाई दे रही है।
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