गत दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले जैसलमेर प्रवास पर रहे। इस दौरान 25 सितंबर को उन्होंने बलिदानी पूनम सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
तत्पश्चात् नगर एकत्रीकरण में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संघ केवल एक संगठन मात्र नहीं है, अपितु भारत के नवोत्थान एवं सर्वप्रकार के पुनरोदय का महाभियान है। यह राष्ट्र जीवन का महत्वपूर्ण आंदोलन है।
उन्होंने कहा, ‘‘सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के.टी. थॉमस ने संघ को परिभाषित करते हुए कहा है, संघ ही भारत में लोकतंत्र की सुरक्षा की गारंटी है। सेना और पुलिस के समान संघ देश का सुरक्षा कवच है।’’
सरकार्यवाह ने कहा कि 1925 में नागपुर के छोटे से स्थान से शुरू हुआ संघ कार्य देश के सभी राज्यों, जिलों में पहुंच चुका है। इसे देश के प्रत्येक मंडल व बस्ती तक पहुंचाने का लक्ष्य है, जो दूर नहीं है। शुरुआत में आमजन संघ को उपहास-स्वरूप लेते थे, लेकिन स्वयंसेवकों के त्याग और समर्पण से निर्मित यह संगठन आज विश्व के सबसे बड़े सामाजिक संगठन के रूप में पहचान बनाने में सफल रहा है।
उन्होंने हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पर कहा कि हिंदू केवल एक धर्म नहीं, अपितु जीवन-पद्धति है। यही संगठित विचार लेकर स्वामी विवेकानंद ने धर्म का प्रचार किया। ऐसे महापुरुषों की प्रेरणा से संघ ने देश के आमजन में विश्वास जगाया कि हिंदू एक हो सकता है। हिंदुत्व को लेकर शुरू में लोग कहते थे कि यह सांप्रदायिक है, संकुचित भाव है, परंतु संघ ने समझाया कि हिंदू सम्प्रदाय नहीं, एक जीवन-दर्शन है।
मानवता के उद्धार के लिए देश के ऋषि-मुनियों, साधु-संतों ने कठोर तप कर कार्य किया। उन्होंने कहा कि प्रकृति व जीव-जंतुओं का संरक्षण हिंदुत्व में ही निहित है और यह सनातनी व्यवस्था है। यही कारण है कि आज हिंदू जीवन दर्शन की कई बातों को विश्वभर में मान्यता मिल रही है। योग और आयुर्वेद के विचार को विदेशी भी अपनाने लगे हैं।
स्वयंसेवक एकत्रीकरण में अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख श्री अरुण, सीमा जागरण मंच के अखिल भारतीय संयोजक श्री मुरलीधर, सह संयोजक श्री नींब सिंह, क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल, क्षेत्र प्रचारक श्री निंबाराम सहित अन्य दायित्वान कार्यकर्ता, स्वयंसेवक सम्मिलित हुए।
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