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कट्टरपंथियों से भरे मंच पर जाकिर नाइक को दिखाया आईना : इस पाकिस्तानी हिंदू विद्वान ने संस्कृत श्लोक के साथ पूछा प्रश्न

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SHIVAM DIXIT

इस्लामाबाद । भगोड़े इस्लामिक चरमपंथी जाकिर नाइक को पाकिस्तान में एक सार्वजनिक मंच पर उस समय चुनौती का सामना करना पड़ा जब एक पाकिस्तानी हिंदू धार्मिक विद्वान ने कट्टरपंथ पर सीधे सवाल दाग दिए। इस्लामाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, हिंदू धर्म के विद्वान प्रोफेसर मनोज चौहान ने जाकिर नाइक के सामने मंच से संस्कृत में श्लोक पढ़कर अपनी बात की शुरुआत की, जो मंच पर बैठे लोगों के लिए अप्रत्याशित था।

भागवत गीता का जिक्र करते हुए कट्टरपंथ पर सवाल

प्रोफेसर मनोज चौहान ने श्रीमद् भागवत गीता का उल्लेख करते हुए जाकिर नाइक से कट्टरपंथ पर सवाल पूछा। उन्होंने कहा, “भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में कहा है कि मनुष्य को अपने कर्मों से आंका जाता है। कर्म ही कर्तव्य है और कर्तव्य ही धर्म है। लेकिन, यदि धर्म केवल अपने स्वार्थ के लिए हो, तो वह पाप की ओर ले जाता है। हमें अपने कर्म समाज के लिए करने चाहिए, जो मोक्ष का मार्ग है।” इस प्रकार की शिक्षा देने के बाद प्रोफेसर चौहान ने जाकिर नाइक से सवाल किया कि दुनिया में, खासकर मुस्लिम बहुल देशों में, मजहब के नाम पर जो हिंसा और अलगाववाद फैला है, उसे रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए..?

सीधी जबाव देने की बजाय घुमा-फिरा कर करने लगा बात

प्रोफेसर मनोज चौहान के तीखे सवाल के बाद जाकिर नाइक मंच पर जवाब देने आया, लेकिन स्पष्ट उत्तर देने के बजाय उसनेने इधर-उधर की बातें शुरू कर दीं। नाइक ने सवाल दोहराते हुए कहा कि यह सवाल बहुत अहम है कि मजहब के नाम पर झगड़े क्यों होते हैं और इसका हल क्या है। इसके बाद उसने कुरान की एक आयत का हवाला देते हुए कहा, “मेरे पास कुरान की एक आयत है, जिसे मैं मास्टर की कहता हूं। इसमें कहा गया है, ‘आओ हम उस बात की तरफ चलते हैं, जो हमारे बीच एक है।'”

प्रोफेसर का सवाल और नाइक का जवाब चर्चा का विषय

इस पूरे घटनाक्रम के बाद जाकिर नाइक के जवाब से असंतुष्ट लोग चर्चा में जुट गए कि आखिर जाकिर नाइक कट्टरपंथ पर सीधे सवाल का सामना करने से क्यों कतराते हैं। प्रोफेसर चौहान के सवाल ने इस्लामिक उपदेशक के लिए एक मुश्किल स्थिति पैदा कर दी, जहां वे सीधा जवाब देने से बचते नजर आए। इससे पहले भी जाकिर नाइक पर कई बार कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने का आरोप लग चुका है, और उसके भगोड़े होने के कारण वह लंबे समय से विवादों में भी है।

कट्टरपंथ पर उठते सवाल

यह पहली बार नहीं है जब जाकिर नाइक से कट्टरपंथ को लेकर सवाल पूछा गया हो। लेकिन इस बार एक पाकिस्तानी हिंदू विद्वान के सवाल ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। नाइक के कट्टरपंथी विचारों के चलते उन्हें कई देशों में प्रतिबंधित भी किया जा चुका है। इस्लामाबाद के इस कार्यक्रम के बाद यह सवाल और भी गहरा गया है कि मजहबी कट्टरता के नाम पर हो रही हिंसा का हल आखिर क्या है..?

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