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अयातुल्ला खामेनेई का बड़ा बयान: तेहरान की ग्रैंड मस्जिद से मुसलमानों को एकजुट होने की अपील

Published by
Mahak Singh

ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने शुक्रवार को तेहरान स्थित ग्रैंड मस्जिद में नमाज अदा की और अपने संबोधन में पूरी दुनिया के मुसलमानों से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर मुसलमान कुरान और अल्लाह के बताए हुए रास्ते पर चलेंगे, तो वे दुनिया में किसी भी चुनौती का सामना कर सकेंगे और विजयी होंगे। खामेनेई का यह संदेश ऐसे समय में आया है जब दुनिया के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर फिलिस्तीन और लेबनान में, मुसलमान संघर्ष और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।

खास बात यह है कि करीब पांच साल बाद खामेनेई ने ग्रैंड मस्जिद में नमाज अदा की और सार्वजनिक तौर पर अपना संदेश दिया। इससे पहले जनवरी 2020 में उन्होंने आखिरी बार इस मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की थी, जब ईरान ने इराक में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइलें दागी थीं। यह हमला रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के जवाब में किया गया था।

अपने हालिया संबोधन में खामेनेई ने इजरायल पर निशाना साधते हुए कहा कि ईरान ने इजरायल के खिलाफ कदम उठाया है और भविष्य में भी जवाबी कार्रवाई जारी रहेगी। यह बात खामेनेई ने इजरायल के हालिया हमलों और जवाबी बैलिस्टिक मिसाइल हमलों के संदर्भ में कही। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुसलमानों के दुश्मन एकजुट होकर मुसलमानों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं और यह साजिशें इजरायल द्वारा रची जा रही हैं।

खामेनेई ने अपने संबोधन में विशेष रूप से फिलिस्तीन और लेबनान के मुसलमानों की स्थिति पर बात की। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन के लोगों को अपना भविष्य तय करने का पूरा अधिकार है और उन पर जो अन्याय हो रहा है, उसे समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि लेबनान और फिलिस्तीन के मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है और ईरान उनके साथ मजबूती से खड़ा रहेगा।

ईरान के सुप्रीम नेता ने कहा कि ईरान न सिर्फ शब्दों से बल्कि अपने कृत्यों से भी लेबनान और फिलिस्तीन के मुसलमानों का समर्थन करेगा। उन्होंने अरब देशों से भी अपील की कि वे फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों का साथ दें और उनका समर्थन करें।

खामेनेई का यह संबोधन ऐसे समय में आया है जब हिजबुल्लाह नेता नसरल्लाह की मृत्यु इजरायली हमले में हो गई है। उनकी मृत्यु के बाद ईरान ने सार्वजनिक शोक की घोषणा की थी और इसे बड़ा नुकसान बताया था। इसके बाद ईरान ने इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी, जिसे नसरल्लाह और इस्माइल हनीया के खिलाफ बदले की कार्रवाई के रूप में देखा गया। इजरायल ने भी इस पर बदले की धमकी दी थी, जिससे तनाव और बढ़ गया।

मुसलमानों से एकजुट होने की अपील

खामेनेई ने अपने संबोधन में कहा कि इस्लाम के दुश्मन मुसलमानों को विभाजित करना चाहते हैं ताकि उनका फायदा उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि चाहे फिलिस्तीन हो, यमन हो या लेबनान, मुसलमानों को एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करनी होगी। उन्होंने कुरान के मार्ग पर चलने और अल्लाह की राह पर चलकर मुसलमानों से संघर्ष करने का आह्वान किया।

इस संबोधन के जरिए खामेनेई ने स्पष्ट संदेश दिया है कि ईरान अपने मुस्लिम भाइयों का समर्थन करने से पीछे नहीं हटेगा और इजरायल को हर हाल में जवाब दिया जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे एकजुट होकर अपने दुश्मनों का सामना करें और अपने हक की लड़ाई लड़ें।

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