सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: पुराने टैक्स कानून के तहत नोटिस जारी कर सकता है आयकर विभाग
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: पुराने टैक्स कानून के तहत नोटिस जारी कर सकता है आयकर विभाग

90,000 करदाताओं पर गिरेगी गाज, हजारों करोड़ का टैक्स दांव पर। आयकर विभाग को मिली बड़ी जीत, पुराने नियमों के तहत नोटिस जारी कर सकेगा

by Parul
Oct 4, 2024, 02:49 pm IST
in भारत, बिजनेस
मनोज मिश्रा की बेंच ने आयकर विभाग की 727 अपीलों को किया स्वीकार

मनोज मिश्रा की बेंच ने आयकर विभाग की 727 अपीलों को किया स्वीकार

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जिसने आयकर विभाग को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा है कि कराधान और अन्य कानून (TOLA) के तहत 1 अप्रैल 2021 के बाद भी पुराने नियमों के अनुसार नोटिस जारी किए जा सकते हैं। इस फैसले का असर 90 हजार से ज्यादा पुनर्मूल्यांकन नोटिस पर पड़ेगा। जो 2013-14 से 2017-18 तक के हैं और हजारों करोड़ रुपये के टैक्स से जुड़े हैं।

पुराने आईटी एक्ट के तहत आयकर विभाग 6 साल तक पुनर्मूल्यांकन कर सकता था। अगर 1 लाख या उससे ज्यादा की आय छूट गई हो। लेकिन 2021 में कानून में बदलाव किया गया। नए नियम के मुताबिक 50 लाख तक की छिपाई गई आय के लिए 3 साल तक कार्रवाई हो सकती है। 50 लाख से ज्यादा की राशि के लिए यह समय 10 साल तक बढ़ा दिया गया। इसके अलावा, नए कानून में धारा 148A जोड़ी गई। इसके तहत आयकर विभाग को पहले एक कारण बताओ नोटिस देना होगा। साथ ही करदाता को अपनी बात रखने का मौका भी मिलेगा।

यह भी पढ़े- सुप्रीम कोर्ट में ‘ Yeah-Yeah ‘ बोलने पर CJI चंद्रचूड़ नाराज, वकील को लगाई फटकार

कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने पुराने कानून के तहत नोटिस जारी करने की समय सीमा बढ़ा दी थी। इसलिए 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2021 तक पुराने नियमों के तहत नोटिस भेजे गए। इस स्थिति ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया – क्या नए कानून लागू होने के बाद भी पुराने नियमों के तहत भेजे गए नोटिस मान्य होंगे?

इस मुद्दे पर देश भर के हाईकोर्ट में अलग-अलग फैसले आए। बॉम्बे, गुजरात और इलाहाबाद समेत सात हाई कोर्ट ने इन पुनर्मूल्यांकन नोटिस को खारिज कर दिया था। उनका मानना था कि नए प्रावधान करदाताओं के हितों की बेहतर रक्षा करते हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अलग राय दी है। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने आयकर विभाग की 727 अपीलों को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने कहा कि 1 अप्रैल 2021 के बाद भी TOLA लागू रहेगा और आयकर अधिनियम को नए प्रावधानों के साथ पढ़ा जाना चाहिए। इस फैसले का मतलब है कि आयकर विभाग अब पुराने मामलों को फिर से खोल सकेगा। करदाताओं को पुराने नोटिस का जवाब देना होगा। हालांकि हर मामले की बारीकी से जांच करनी होगी। कुछ नोटिस अभी भी अमान्य हो सकते हैं।

यह भी पढ़े- बरेली कोर्ट की टिप्पणी, लव जिहाद-अवैध धर्मांतरण के जरिए देश में पाकिस्तान जैसे हालात बनाने का षडयंत्र

पूर्व ICAIअध्यक्ष वेद जैन ने इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 2016-17 और 2017-18 के कई मामले अमान्य हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने कहा है कि मंजूरी के लिए बढ़ाई गई समय सीमा सिर्फ 30 जून 2021 तक थी। चूंकि इन सालों के लिए मंजूरी जून/जुलाई 2022 में ली गई थी इसलिए वे धारा 151(ii) के तहत मान्य नहीं हैं।
जैन ने यह भी बताया कि 2015-16 के मामले समय सीमा के कारण खारिज हो जाएंगे। वे TOLA के दायरे में नहीं आते। 2013-14 और 2014-15 के लिए 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2021 के बीच जारी किए गए ज्यादातर नोटिस मान्य होंगे। लेकिन जून/जुलाई 2022 में जारी किए गए नोटिस की सावधानी से जांच करनी होगी।

यह फैसला आयकर विभाग के लिए बड़ी जीत है लेकिन करदाताओं के लिए चिंता का विषय हो सकता है। अब पुराने मामलों को फिर से खोला जा सकता है। हालांकि हर मामले की अलग-अलग जांच होगी और कुछ नोटिस अभी भी अमान्य साबित हो सकते हैं।

यह भी पढ़े- मोरक्को: कुरान और इस्लाम के अपमान का आरोप, कोर्ट ने डॉक्टर को दी जेल की सजा

Topics: सुप्रीम कोर्टआयकर नोटिसBusiness NewsIT NoticeCourtSCverdictआयकर विभागTaxLawincome taxTOLAFinancial newsNoticesIndia business newsBusiness news todayreassessment noticesI-T departmentSupreme CourtD Y Chandrachud
Share4TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

सुप्रीम कोर्ट

वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर जस्टिस गवई की बेंच करेगी सुनवाई, चीफ जस्टिस खन्ना 13 मई को हो रहे सेवानिवृत 

नए वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मोहम्मद सुल्तान, CJI ने कहा– ‘अब नहीं सुनी जाएगी याचिका’

सुप्रीम कोर्ट

“बेहद गंभीर वक्त है, सेना का मनोबल न गिराएं”, पहलगाम आतंकी हमले पर सुनवाई से SC का इनकार, लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट

पेगासस से जुड़ी पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होगी, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्पाइवेयर का इस्तेमाल गलत नहीं : SC

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: शरिया अदालत और फतवे कानूनी रूप से अमान्य

सुप्रीम कोर्ट

OTT और सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट बैन की मांग, नेटफ्लिक्स, उल्लू, ट्विटर, मेटा, ऑल्ट बालाजी, गूगल को नोटिस

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies