स्वास्थ्य की बात हो और प्राकृतिक आहार का जिक्र न हो, ऐसा कैसे हो सकता है? भारत में सदियों से पोषक तत्वों से भरपूर अनाजों का सेवन किया जाता रहा है। ऐसा ही एक अद्भुत अनाज है मडुआ, जिसे रागी के नाम से भी जाना जाता है। मडुआ से बनी रोटी न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। आधुनिक दौर में लोग इसे एक सुपरफूड की तरह अपने डाइट में शामिल कर रहे हैं। मडुआ रोटी खाने से कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं, मडुआ रोटी को अपने डाइट में शामिल करने से कौन-सी 6 बीमारियों से बचाव किया जा सकता है-
हृदय रोगों का मुख्य कारण है शरीर में बढ़ता कोलेस्ट्रॉल। मडुआ में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करती है और हृदय को स्वस्थ रखती है। इसके नियमित सेवन से हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा कम होता है। मडुआ रोटी में मैग्नीशियम भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
मोटापा एक गंभीर समस्या है, जिससे दुनियाभर में लोग परेशान हैं। मडुआ रोटी वजन घटाने में काफी मददगार साबित हो सकती है। इसमें मौजूद फाइबर की वजह से इसे खाने के बाद लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है।
कब्ज
अगर आपको कब्ज की समस्या है, तो मडुआ रोटी आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है। मडुआ में पाया जाने वाला फाइबर पाचन क्रिया को सुधारता है और कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। यह आंतों की सफाई में मदद करता है और पाचन को नियमित बनाता है। कब्ज से पीड़ित लोगों को अपने भोजन में मडुआ रोटी को ज़रूर शामिल करना चाहिए।
मडुआ रोटी हड्डियों के लिए वरदान साबित होती है। इसमें कैल्शियम और विटामिन डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। खासतौर से महिलाओं और बुजुर्गों को मडुआ रोटी का सेवन ज़रूर करना चाहिए, क्योंकि इससे हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
मडुआ रोटी आयरन का एक अच्छा स्रोत है। इसके नियमित सेवन से एनीमिया की समस्या से बचाव किया जा सकता है। आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर गिर जाता है, जिससे एनीमिया जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। मडुआ रोटी खून में आयरन की कमी को दूर कर शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने में मदद करती है।
(इस लेख में दी गई जानकारी और सुझावों को अमल में लाने से पहले पाठक किसी डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।)
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