हिजबुल्लाह के साथ युद्ध के बीच जिस प्रकार से ईरान ने इजरायल पर मिसाइल हमला किया था, उस पर यूरोपीय देशों ने उसकी आलोचना की थी। अब ईरान इससे इतना भड़क गया है कि उसने तेहरान में जर्मनी और ऑस्ट्रिया के राजदूतों को तलब कर लिया है। इसके साथ ही दोनों के समक्ष ईरान ने अपना विरोध जताया।
तेहरान में जर्मनी के राजदूत मार्कस पोटजेल और ऑस्ट्रियाई एंबेसडर वोल्फगैंग डिट्रिच हेम को ऑपरेशन टू प्रॉमिस II पर ईरानी दूतों को बुलाने में उनके संबंधित देशों के अस्वीकार्य कार्यों का विरोध किया गया। मीटिंग के दौरान नीली अहमदाबादी के मंत्रालय में पश्चिमी यूरोपीय डिपार्टमेंट के महानिदेशक माजिद नीली अहमदाबादी ने जर्मनी और ऑस्ट्रिया से दो टूक कहा है कि वो अपनी रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही नीली अहमदाबादी ने इजरायल का समर्थन करने पर यूरोपीय देशों की कड़ी भर्त्सना की।
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ईरान ने आरोप लगाया है कि अगर वक्त रहते यूरोपीय दलों ने इजरायल को दी जाने वाली आर्थिक और सैन्य सहायता करने जैसे व्यवहारिक एक्शन लिए होते तो किलिंग मशीन और नरसंहार को रोक सकते थे। हालांकि, इजरायल पर मिसाइल दागने के अपनी हरकतों का बचाव किया। उसने कहा कि इजरायल पर हमला हसन नसरल्लाह,आईआरजीसी के कमांडर की हत्या और इस्माइल हानिएह की हत्या के बदले के तौर पर किया है।
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ईरान ने इजरायल पर दागी थी 181 बैलिस्टिक मिसाइलें
गौरतलब है कि आतंकी संगठन हिजबुल्लाह पर इजरायल की एयर स्ट्राइक में उसके प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत हो गई थी। हिजबुल्लाह को ईरान का पूर्ण समर्थन मिला हुआ है। इसीलिए बदले के लिए ईरान ने इजरायल पर 181 बैलिस्टिक मिसाइलों को दाग दिया था।
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