मणिपुर : 6 दिन बाद अपहृत मैतेई युवक सुरक्षित लौटे घर, जानें पूरा मामला

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Parul

नई दिल्ली मणिपुर में दो मैतई युवकों की सकुशल रिहाई हो गई है। छह दिन पहले कुकी उग्रवादियों ने दो मैतई युवकों का अपहरण किया था। इसके बाद से राज्य में आक्रोश का महौल था। हालांकि गुरुवार सुबह 5:15 बजे दोनों युवकों को कांगपोक्पी जिले के गमगीफाई चेक पोस्ट पर पुलिस को सौंप दिया गया। जहां से युवकों को पुलिस सुरक्षा में इम्फाल लाया गया।

मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “27 सितंबर 2024 को कांगपोकपी में अपहृत किए गए दोनों युवक अब सुरक्षित रूप से मणिपुर पुलिस की कस्टडी में हैं। मैं राज्य और केंद्र सरकार से जुड़े उन सभी लोगों की सराहना करता हूं, जिन्होंने उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात मेहनत की। आपके प्रयास अत्यधिक मूल्यवान हैं।”

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ये है मामला

जिन दो युवकों का अपहरण किया गया था, उनका नाम थोइथोई सिंह और थोकचोम थोइथोइबा सिंह है। 27 सितंबर को वह निंगोमबाम जॉनसन सिंह के साथ एसएससी जीडी भर्ती परीक्षा के लिए न्यू कीथेलमैनबी जा रहे थे। अनजाने में वह कुकी समुदाय के प्रभुत्व वाले क्षेत्र कांगपोकपी में प्रवेश कर गए। जहां उन्हें बंदी बना लिया गया। भारतीय सेना और सुरक्षा बलों के प्रयासों की बदौलत जॉनसन सिंह को कुछ समय बाद ही छोड़ दिया गया। लेकिन अन्य दो युवको को बंदी बना के रखा गया।

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अपहरण से मैतेई समुदाय में आक्रोश

कुकी उग्रवादियों द्वारा किए गए इस अपहरण से मैतेई समुदाय में आक्रोश था। समुदाय के लोगों को आशंका थी कि युवकों की हत्या कर दी गई है। इस घटना के चलते राज्य के पांच मैतेई बहुल जिलों इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, विष्णुपुर, काकचिंग और थौबल में विरोध प्रदर्शन किए गए। समूह संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) ने भी बुधवार को दोनों युवाओं के अपहरण के विरोध में बंद का आह्वान किया था।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, युवकों की रिहाई के लिए सरकार की ओर से उग्रवादियों के साथ कोई सीधी बातचीत नहीं हुई थी। हालांकि राज्य सरकार और सुरक्षा बलों ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए लगातार प्रयास किए।

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