देहरादून: पुख्ता खबर है कि उत्तराखंड के चार मैदानी जिलों में मलिन बस्तियों में आधार कार्डों में फर्जीवाड़ा सामने आया है। ऐसी सूचनाओं पर गृह विभाग ने जिला अधिकारियों को बारीकी से जांच पड़ताल के निर्देश दिए हैं। उधम सिंह नगर, नैनीताल, हरिद्वार और देहरादून जिलों में आधार कार्ड बनाने वालों के द्वारा बाहर से आए लोगों के दस्तावेजों में हेर-फेर करके उनको यहां मूल निवासी बनाए जाने के मामले सामने आए हैं।
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उधम सिंह नगर जिला प्रशासन ने आधार कार्ड बनाने वाली लखनऊ की एक एजेंसी को भी नोटिस दिया है और उनके यहां केंद्र को सीज भी किया है। ऐसे ही एक मामला हरिद्वार जिले में भी आया है। फर्जी आधार कार्ड बनाने और कई मामले में उनके आयुष्मान कार्ड बनाने और एम्स में इलाज कराने की भी सूचनाएं सामने आई है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में प्रत्येक परिवार को आयुष्मान कार्ड की सुविधा है जबकि यूपी में नहीं है।
नैनीताल शहर में भी टैक्सी चालकों के आधार कार्डों में नाम हिंदू और स्वयं गैर हिंदू होने के भी प्रमाण मिले हैं, जिसके बाद सत्यापन की कार्रवाई तेज की गई है। पछुवा देहरादून में भी बड़े पैमाने पर आधार कार्डों में फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिसके बाद जन सेवा केंद्रों की जांच पड़ताल की जा रही है। गृह सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि हमने जिला अधिकारियों को इस मामले में निर्देशित किया है कि आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसियों, जन सेवा केंद्रों की गहनता से जांच पड़ताल करें।
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उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में बाहरी लोग आकर बस रहे हैं जो कि डेमोग्राफी चेंज का बड़ा कारण बने हुए है। बीते दिवस हल्द्वानी पुलिस ने बड़े स्तर पर सत्यापन अभियान चलाया और पुलिस प्रशासन की टीम को देखते ही संदिग्ध लोग सामान उठा कर भागते दिखे, एक संदिग्ध को पूछताछ के लिए बनभूलपुरा थाने में घंटों बिठा कर पूछताछ की गई है।
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