वेट्टी बल्लू सुकमा जिले के गांव तोंगगुड़ा के रहने वाले हैं। वह अपने गांव के सरपंच रह चुके हैं। एक दिन सुबह उनके घर वालों को सूचना मिली कि वेट्टी बल्लू गंभीर रूप से घायल हैं और सुकमा रोड पर डब्ल्यू ब्रिज के पास पड़े हुए हैं। उनके शरीर से काफी खून बह रहा है।
परिवार वालों को सूचना देने के बाद राहगीरों ने ही वेट्टी बल्लू को इलाज के लिए पोलमपल्ली पहुंचाया। उनके साथ क्या हुआ था, यह पूछने पर 40 वर्षीय बल्लू बताते हैंकि घटना वाले दिन वह गोरगुण्डा से अपने गांव तोंगगुड़ा लौट रहे थे। रास्ते में सड़क निर्माण कार्य चल रहा था, इसलिए सड़क किनारे निर्माण सामग्री का ढेर लगा हुआ था।
वहीं, ढेर के पास उन्हें एक पर्चा दिखाई दिया। उस पर कुछ लिखा हुआ था। कौतुहलवश पढ़ने के लिए उन्होंने जैसे ही पर्चा उठाया, वैसे ही तेज आवाज के साथ जबरदस्त धमाका हुआ। इसके बाद वह अचेत हो गए, इसलिए उन्हें ठीक-ठीक कुछ भी याद नहीं।
वे कब तक वहां पड़े रहे, उन्हें यह भी नहीं मालूम है। वास्तव में नक्सलियों ने वहां आईईडी लगा रखा था, जो पर्चा उठाते ही फट गया। इस हादसे में उनकी बाईं आंख हमेशा के लिए खराब हो गई। इसके अलावा उनके सीने में, चेहरे पर और पैरों में गंभीर चोटें आईं। सीने में चोट लगने के कारण उन्हें अब सांस लेने में थोड़ी परेशानी होती है।
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