आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन और इंटरनेट का उपयोग तेजी से बढ़ा है, जिससे लोगों के लिए कई नए अवसर खुल गए हैं। हालांकि, जैसे-जैसे तकनीक का विकास हो रहा है, साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया और इंटरनेट पर सक्रिय रहने वाले लोगों को साइबर अपराधियों से हमेशा सतर्क रहना चाहिए, खासकर तब जब बात सेल्फी के जरिए फ्रॉड की हो। आपने शायद सुना या पढ़ा हो कि एक सेल्फी भी साइबर अपराधियों के लिए एक हथियार बन सकती है।
कई ऐप्स, बैंकिंग संस्थानों और वेबसाइट्स पर यूजर को अपनी पहचान साबित करने के लिए सेल्फी अपलोड करने को कहा जाता है। इसे सेल्फी ऑथेंटिकेशन कहते हैं, जिसका उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि व्यक्ति वही है, जो वह दावा कर रहा है। हालांकि, साइबर अपराधी इस तकनीक का गलत फायदा उठाने का तरीका ढूंढ चुके हैं। वे फिशिंग के जरिए फर्जी ईमेल या मैसेज भेजते हैं, जिसमें लिंक पर क्लिक करने और सेल्फी अपलोड करने को कहा जाता है। जैसे ही आप इस प्रक्रिया का पालन करते हैं, आपकी सेल्फी साइबर अपराधियों के हाथ में चली जाती है और वे इसका दुरुपयोग कर सकते हैं।
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