आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन और इंटरनेट का उपयोग तेजी से बढ़ा है, जिससे लोगों के लिए कई नए अवसर खुल गए हैं। हालांकि, जैसे-जैसे तकनीक का विकास हो रहा है, साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया और इंटरनेट पर सक्रिय रहने वाले लोगों को साइबर अपराधियों से हमेशा सतर्क रहना चाहिए, खासकर तब जब बात सेल्फी के जरिए फ्रॉड की हो। आपने शायद सुना या पढ़ा हो कि एक सेल्फी भी साइबर अपराधियों के लिए एक हथियार बन सकती है।
क्या है सेल्फी फ्रॉड?
कई ऐप्स, बैंकिंग संस्थानों और वेबसाइट्स पर यूजर को अपनी पहचान साबित करने के लिए सेल्फी अपलोड करने को कहा जाता है। इसे सेल्फी ऑथेंटिकेशन कहते हैं, जिसका उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि व्यक्ति वही है, जो वह दावा कर रहा है। हालांकि, साइबर अपराधी इस तकनीक का गलत फायदा उठाने का तरीका ढूंढ चुके हैं। वे फिशिंग के जरिए फर्जी ईमेल या मैसेज भेजते हैं, जिसमें लिंक पर क्लिक करने और सेल्फी अपलोड करने को कहा जाता है। जैसे ही आप इस प्रक्रिया का पालन करते हैं, आपकी सेल्फी साइबर अपराधियों के हाथ में चली जाती है और वे इसका दुरुपयोग कर सकते हैं।
सेल्फी के जरिए साइबर धोखाधड़ी कैसे होती है?
- साइबर अपराधी फर्जी ईमेल या मैसेज भेजकर यूजर्स को फांसते हैं। वे लिंक पर क्लिक करने और अपनी सेल्फी अपलोड करने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके बाद आपकी सेल्फी का गलत इस्तेमाल हो सकता है।
- कई बार साइबर अपराधी आपके डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल कर देते हैं, जो आपके फोन के कैमरे को कंट्रोल में ले लेता है। इससे आपकी जानकारी के बिना आपकी सेल्फी ली जा सकती है, जिसे बाद में दुरुपयोग किया जा सकता है।
- सोशल मीडिया से आपकी तस्वीरें चोरी करके, साइबर अपराधी डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर आपकी पहचान का गलत उपयोग कर सकते हैं। डीपफेक एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक है, जो किसी की भी फोटो या वीडियो में हेरफेर कर सकती है, जिससे आपका चेहरा अन्य किसी काम में प्रयोग किया जा सकता है।
- साइबर अपराधी सेल्फी का उपयोग करके आपके नाम पर लोन ले सकते हैं या आपके बैंक खाते से पैसे निकाल सकते हैं। सेल्फी का इस्तेमाल सिम कार्ड क्लोनिंग के लिए भी किया जा सकता है, जिससे आपके कॉल, मैसेज और ओटीपी साइबर अपराधियों तक पहुंच सकते हैं।
सेल्फी फ्रॉड से बचने के उपाय
- कोई भी अज्ञात ईमेल, मैसेज या लिंक प्राप्त होने पर उसे बिना जांचे-परखे कभी न खोलें। किसी भी अनजान वेबसाइट या ऐप पर अपनी सेल्फी अपलोड करने से पहले उसकी वैधता जांच लें।
- सभी महत्वपूर्ण ऑनलाइन अकाउंट्स की सुरक्षा के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल करें। इससे साइबर अपराधियों को आपकी जानकारी चुराने में मुश्किल होगी।
- अपनी निजी तस्वीरें, खासकर सेल्फी, को सोशल मीडिया पर साझा करने से पहले सोचें। साइबर अपराधी आपकी तस्वीरों का उपयोग कर सकते हैं, इसलिए अपनी सोशल मीडिया गोपनीयता सेटिंग्स को मजबूत बनाएं।
- फोन या डिवाइस में हमेशा नया सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें और एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें। यह मैलवेयर और अन्य साइबर खतरों से आपकी सुरक्षा करेगा।
- कभी भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंकिंग विवरण, पासवर्ड, या ओटीपी किसी के साथ साझा न करें। साइबर अपराधी इन्हीं जानकारियों का दुरुपयोग कर सकते हैं।
- सिर्फ आधिकारिक और प्रमाणित ऐप्स का उपयोग करें, खासकर जब आपको अपनी सेल्फी अपलोड करने की आवश्यकता हो। अनजान या संदिग्ध ऐप्स को फोन में इंस्टॉल करने से बचें।
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