उत्तराखंड

उत्तराखंड: विकासनगर यूजेवीएनएल की कॉलोनियों में बाहरी लोगों के अवैध कब्जे, अवैध कब्जों को मिला राजनीतिक संरक्षण

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दिनेश मानसेरा

देहरादून: उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के लिए आने वाला निवेशक परेशान है, कारण ऊर्जा विभाग उन्हें भूमि उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है। जहां भूमि है वहां अवैध कब्जे हैं, जिन्हें हटाने के प्रयासों में राजनीतिक संरक्षण रोड़े अटका रहा है।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में निवेश के लिए, पिछले साल हुई इन्वेस्टर समिट में सबसे ज्यादा एमओयू (एक लाख करोड़) से अधिक ऊर्जा सैक्टर में हुए और सबसे कम करीब चार हजार करोड़ की ग्राउंडिंग ही ऊर्जा सैक्टर की बताई जा रही है।
ऊर्जा सैक्टर में निवेशक यहां सोलर प्लांट्स लगाने आ रहे हैं किंतु विभाग उन्हें भूमि उपलब्ध करवा नहीं पा रहा है। जानकारी के मुताबिक, विकास नगर की यूजेवीएनएल कॉलोनियों के खंडर हो चुके मकानों, नहर किनारे भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा के यहां निवेशकों को सोलर प्लांट्स के लिए दी जानी है।

ऐसी जानकारी मिली है कि यूजेवीएनएल के कुछ अधिकारी जल विद्युत परियोजनाओं के ठेकदारों से मिली भगत कर उनके श्रमिको को यहां टिकाए हुए हैं। बहुत से फल रेहड़ी डंपर चालक और अन्य बाहरी लोग यहां सरकारी इमारतों में अवैध रूप से कब्जे कर के बैठे हुए हैं।

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डाक पत्थर, लखवाड़ और अन्य कॉलोनियों को सैकड़ो हैक्टेयर सरकारी भूमि अवैध कब्जेदारी में है, यूजेवीएनएल के अधिकारियो द्वारा भूमि से अवैध कब्जे हटाने के लिए नोटिस प्रक्रिया आरंभ की है, डी और सी टाइप कॉलोनियों में मुनादी भी कराई है कि अवैध कब्जेदार स्वयं यहां से चले जाए अन्यथा प्रशासन अपनी कारवाई करेगा। इस मुनादी के बाद यहां अवैध रूप से बसे बाहरी लोगों के ठेकेदार राजनीतिक संरक्षण के लिए स्थानीय विधायकों की शरण में पहुंच गए, जिसके बाद से सरकार पर दबाव आना शुरू हो गया कि कैसे भी हो कुछ समय के लिए ये कार्रवाई रोक दी जाए।

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इसी क्षेत्र में पिछले साल शक्ति नहर आसन नदी किनारे से भी अतिक्रमण हटाया गया था, वहां से जो अतिक्रमण कारी हटाए गए वो ही यूजेवीएनएल कॉलोनियों में घुस कर अवैध कब्जे कर बैठ गए हैं। उधर शासन प्रशासन पर निवेशकों का भारी दबाव है, निवेशकों के द्वारा लगातार ये कहा जा रहा है कि उन्हें यदि आवंटित भूमि पर प्रोजेक्ट लगाने को कब्जा नहीं मिला तो वे दूसरे राज्य में चले जायेंगे।

इस बारे में शासन ने जिला अधिकारी देहरादून को भी निर्देशित किया है कि वो अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए तैयारी करें। उधर सीएम पुष्कर सिंह धामी बार-बार ये दोहराते रहे है कि सरकारी भूमि से हर हाल में अतिक्रमण हटाया जाएगा, श्री धामी कहते हैं कि निवेशकों के लिए जो लैंड बैंक हमने बनाया हुआ है वहां पर ही निवेशक अपने प्रोजेक्ट लगाएंगे।

 

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