के तारुकी गांकांकेर जिलेव के निवासी वैद्यराज दयालु राम जैन का परिवार नक्सलियों की क्रूरता का शिकार बना। नक्सलियों ने न केवल उनके एक बेटे की निर्मम हत्या की, बल्कि बुजुर्ग पिता को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से तोड़ दिया।
16 जून 2018 रात के लगभग 8:00 बजे का समय था, जब वैद्यराज अपने छोटे बेटे ज्ञानेंद्र सिंह (उम्र 35) के साथ घर पर आराम कर रहे थे। तभी अचानक नक्सलियों का एक बड़ा दल उनके घर में घुस आया। बिना किसी चेतावनी के हथियारबंद नक्सलियों ने ज्ञानेंद्र पर हमला कर दिया।
दयालु राम इस खौफनाक घटना को याद करते हुए कहते हैं, ‘उन्होंने मेरे बेटे को कुल्हाड़ियों से काट डाला। मैंने अपने बेटे को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन नक्सलियों ने मुझे भी मारा। मुझे और मेरे बेटे को घर से बाहर खींचकर तीन किलोमीटर दूर सीसी रोड तक घसीटा। सड़क पर घसीटने की वजह से मेरे पीठ की चमड़ी तक उधड़ गई थी। मुझे जिंदा छोड़ दिया, लेकिन मेरे बेटे को मेरी आंखों के सामने कुल्हाड़ी से काट डाला’।
इस क्रूर घटना ने न केवल वैद्यराज के छोटे बेटे ज्ञानेंद्र सिंह जैन की जान ले ली, बल्कि उसके परिवार की खुशियों को भी छीन लिया। अब वैद्यराज के बड़े बेटे पर पूरे परिवार का खर्च उठाने की जिम्मेदारी है, जिसमें छोटे भाई ज्ञानेंद्र के बच्चों का पालन-पोषण भी शामिल है।
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