उत्तराखंड

उत्तराखंड: भ्रष्ट ग्राम विकास अधिकारी को विजिलेंस ने धरा, मर्सिडीज में घूमता था

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दिनेश मानसेरा

हरिद्वार: लक्सर में तैनात ग्राम विकास अधिकारी राम पाल सिंह को विजिलेंस के अधिकारियों ने आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। आरोपी का वेतन एक लाख रु के करीब था और वो अकूत संपत्ति का मालिक बन गया था।

एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंजियाल के मुताबिक, पिछले चार सालों से राम पाल सिंह के खिलाफ गहनता से जांच चल रही थी, उसके खिलाफ 2020 में एक मामला दर्ज किया गया था। पिछले चार सालों में उसकी आय का ब्यौरा डेढ़ करोड़ के आसपास होना चाहिए था जो कि 6.23 करोड़ निकला है, साथ ही उसके 7 भूखंड हरिद्वार जिले में, दो मकान गाजियाबाद जिले में,एक बुलंदशहर में एक मर्सिडीज कार एक अन्य कार और अन्य संपत्ति को फ्रिज किया गया है।

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आरोपी को स्पेशल विजलेंस कोर्ट में पेश किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, आरोपी बेधड़क होकर मर्सिडीज कार में घूमता था जिसकी अनुमानित कीमत 50 लाख से अधिक बताई गई है।

विजिलेंस की खास बातें

  • विजिलेंस ने 57 ट्रैप कर 68 भ्रष्टाचारियों को भेजा जेल
  • विजिलेंस को एप पर मिली करीब 973 शिकायतें, भ्रष्टाचार से जुड़ी 38 पर चल रही जांच

‘भ्रष्टाचारमुक्त एप 1064’  पर अब तक करीब 973 विजिलेंस और नॉन विजिलेंस की शिकायतों दर्ज हुई हैं। इनमें से भ्रष्टाचार से जुड़ी 38 शिकायतों पर विजिलेंस जांच गतिमान है। जबकि, नॉन विजिलेंस से जुड़ी शिकायतें सम्बन्धित विभागों को भेजी गई।  इसका परिणाम यह रहा कि 23 साल के उत्तराखंड में जहां भ्रष्टाचार से जुड़े 281 ट्रैप में कुल 303 गिरफ्तार हुए हैं। वहीं, अकेले धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में रिकॉर्ड 57 ट्रैप कर विजिलेंस ने 68 भ्रष्टाचारियों को सलाखों के भीतर डाला है।

विजिलेंस की इस कार्रवाई में 13 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी और बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। इस मुहिम के लिए विजिलेंस ने भी “1064 एप” पर मिली भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार किया। अब यह एप न केवल विजिलेंस बल्कि आम नागरिक के लिए भी मददगार साबित हो रहा है। इस एप के मार्फत आम नागरिक बेझिझक रिश्वतखोरों, कामचोरों और बेवजह काम लटकाने वालों को सबक सीखा रहे हैं। यही नहीं पहले लोग विजिलेंस के पास जाने से न केवल डरते थे, बल्कि बचते भी थे। इसके पीछे सरकारें विजिलेंस को खुली छूट नहीं देती थी।

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इससे भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद रहते थे। लेकिन, अब ऑनलाइन शिकायत दर्ज होने के बाद विजिलेंस की भी मजबूरी है कि शिकायत को जिम्मेदारी के साथ समय पर निस्तारण करें। यही कारण है कि पिछले 20 सालों तक 220 ट्रैप में 232 गिरफ्तार हुए और अब 3 साल में ही रिकॉर्ड 57 ट्रैप कर 68 भ्रष्टाचारियों पर विजिलेंस ने बड़ी कार्रवाई की है। जबकि, इस साल अब तक रिकॉर्ड 23 ट्रैप कर 30 को जेल भेज दिया है।

8 माह में 23 ट्रैप कर 30 रिश्वतखोर भेजे जेल

2022 में  विजिलेंस ने 14 ट्रैप और 15 गिरफ्तारी की। 2023 में विजिलेंस ने यह कार्रवाई आगे बढ़ाते हुए 18 ट्रैप कर 20 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा है। जबकि, 2024 में विजिलेंस भ्रष्टाचारियों पर ताबड़तोड़ कार्यवाई में जुटा है। अब तक 9 माह में विजिलेंस ने रिकॉर्ड 23 ट्रैप कर 30 रिश्वतखोरों को जेल भेजा है।

 

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