एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर शुक्रवार शाम को भद्रक जिले में हिंसा हुई। कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया। इसमें तीन पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।
शुक्रवार शाम को गुस्साए मुसलमानों का एक बड़ा समूह पुराना बाजार पुलिस स्टेशन के पास नांगामहल इलाके में टायर जलाकर सड़क अवरोध कर रहा था। पुलिस-प्रशासन की टीम उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराने के लिए वहां पहुंची, लेकिन उग्र भीड़ ने प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस पर अचानक हमला कर दिया। सैकड़ों लोगों की भीड़ ने तहसीलदार की गाड़ी में तोड़फोड़ की और पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके। इस हमले के परिणामस्वरूप तीन पुलिस कर्मियों को गंभीर चोटें आईं। भद्रक तहसीलदार का वाहन भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। घायल पुलिसकर्मियों की पहचान भद्रक टाउन एसआई रोज़ेन मुर्मू, आईआईसी अजय सुदर्शन बागे और सिटी डीएसपी अंशुमान द्विवेदी के रूप में हुई है। एएसआई मुर्मू के सिर में गंभीर चोट लगी है और वह भद्रक जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती हैं। हमले के दौरान सिटी डीएसपी अंशुमान द्विवेदी के पैर में भी गंभीर चोट आई है। जवाब में पुलिस को हिंसक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। वहां स्थिति तनावपूर्ण होने के कारण व्यवस्था इलाके में पुलिस की 10 प्लाटून तैनात की गईं। इलाके में फ्लैग मार्च निकाला गया।
घटना के बाद इलाके में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दी गई है। जिला प्रशासन ने आदेश दिया है कि सभी सभाएं, बैठकें और विरोध प्रदर्शन पूरी तरह प्रतिबंधित हैं, किसी भी उल्लंघन के लिए गंभीर परिणाम होंगे। एसडीएम, भद्रक द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि “स्थिति की तात्कालिक प्रकृति को देखते हुए और दो समुदायों के बीच गंभीर सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए, मैं, श्री मोनज पात्र, ओएएस (एस) एसडीएम, भद्रक, एतद्द्वारा अगले आदेश तक अनिश्चित काल के लिए धारा 163 बीएनएसएस के तहत कार्यवाही की घोषणा करता हूं।”
हालांकि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन प्रशासन ने निवासियों से आग्रह किया है कि जब तक बहुत जरूरी न हो, वे घर के अंदर ही रहें। इस बीच, एसपी बरुण गुंटुपाली ने कहा कि पुलिस विवादास्पद पोस्ट के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को पकड़ने के लिए विशेष प्रयास कर रही है।
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