'बकरीद पर लाल सड़कों पर मौन साधने वालों को दुर्गा पूजा में दिख रहा प्रदूषण'
May 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

‘बकरीद पर लाल सड़कों पर मौन साधने वालों को दुर्गा पूजा में दिख रहा प्रदूषण’

बांग्लादेश में खुलकर सामने आई कट्टरपंथी इस्लामिस्टों की हिन्दुओं के प्रति घृणा

by सोनाली मिश्रा
Sep 27, 2024, 08:50 pm IST
in विश्लेषण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

वर्ष 2016 में एक दिल दहला देने वाली तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें लाल-लाल रंग के पानी में लोग गाड़ियां चला रहे थे। यह दिल दहला देने वाली इसलिए थी क्योंकि वह बांग्लादेश की थी और पानी में लाल रंग नहीं बल्कि उन पशुओं का खून था, जिनकी कुर्बानी बकरीद के मौके पर दी गई थी। वह तस्वीर जब भी सामने आती है तो दिल केवल पशु कुर्बानी की भयावहता को लेकर ही नहीं दहलता है बल्कि साथ ही इसलिए भी दहलता है कि जो पानी खून में मिलकर इस तरह सड़कों पर बह रहा है वही पानी नदियों में मिलेगा, वही पानी अंतत: सागर में मिलेगा।

यह प्रदूषण की वह पराकाष्ठा है, जिस पर सहज कोई बात नहीं करता है। मगर प्रश्न यह उठता है कि आज किसी त्योहार पर होने वाले प्रदूषण की बात क्यों हो रही है? यह बात इसलिए हो रही है क्योंकि हाल ही में बकरीद के मौके पर खून से लाल हुई सड़कों पर चुप रहने वाले कथित पर्यावरणविद बंगाल की भूमि पर दुर्गापूजा के विरोध में इस तर्क के साथ आ गए हैं कि मूर्ति विसर्जन से जल प्रदूषण होगा।

नदियों में गंदगी फैलेगी, इसलिए बांग्लादेश में कट्टरपंथी संगठन अब यह प्रदर्शन कर रहे हैं कि दुर्गा पूजा पर मूर्ति विसर्जन नहीं होना चाहिए। शेख हसीना को हटाने वाला कथित छात्र आंदोलन अब धीरे-धीरे अपने असली रूप में आ रहा है। यह आंदोलन कभी भी शेख हसीना के खिलाफ नहीं था, यह आंदोलन पाकिस्तान की पहचान की ओर लौटने का आंदोलन था। यह आंदोलन दरअसल उस मजहबी पहचान की ओर लौटने का आंदोलन था, जिसकी शुरुआत तो ढाका से ही हुई थी, मगर 1971 में शेख मुजीबुर्रहमान ने उससे छीन ली थी।

भूमि की अपनी एक पहचान होती है, बिना धार्मिक/मजहबी या रिलीजियस पहचान के कोई भूमि नहीं होती। भूमि की पहचान पर अतिक्रमण होता रहता है। जैसे ढाकेश्वरी देवी के नाम पर बसे ढाका के साथ हो रहा है। जैसे प्रभु श्रीराम के पुत्र के नाम पर बसे नगर लवपुर के साथ हुआ और अब लवपुर की सारी स्मृतियाँ विलोपित हो चुकी हैं और वह लाहौर के रूप में पाकिस्तान में है।

पाकिस्तान किसी मुल्क का नाम न होकर एक मजहबी पहचान है। जमीन की पहचान। जिस पहचान के लिए ढाका के नबाव ने मुस्लिम लीग की नींव रखी थी, और जिसकी मुस्लिम लीग वाली पहचान के लिए उन्हीं शेख मुजीबुर्रहमान ने मजहब के आधार पर भारत से अलग होने के लिए दंगों तक में प्रतिभागिता की थी। पूर्वी पाकिस्तान भाषा की अस्मिता के आधार पर अलग हुआ मुल्क नहीं था, बल्कि वह मजहब के आधार पर अलग हुआ मुल्क था।

शेख हसीना उसी देश के नजदीक होने का दावा करती थीं, जिस देश की पहचान से घृणा के आधार पर यह मुल्क बना है। जिस देश की धार्मिक पहचान से घृणा के कारण यह मुल्क बना था।

शेख हसीना को बहुत ही सुनियोजित तरीके से बांग्लादेश से बाहर करने के बाद, वहाँ के कुछ (अधिकांश) मुस्लिम समूहों ने अब शायद जमीन की पहचान को पूरी तरह से मजहबी करने का निश्चय कर लिया है। यही कारण है कि जिस बंगाल को माँ दुर्गा के कारण शक्ति की भूमि कहा जाता है, जहां पर साक्षात ढाकेश्वरी माता स्थापित हैं, वहीं पर दुर्गा पूजा को लेकर प्रतिबंध की बात इस आधार पर हो रही है कि वहाँ पर दुर्गा पूजा करने वाले बचे ही कितने हैं।

‘इंसाफ कीमकरी छात्र-जनता’ जैसे कट्टरपंथी समूहों ने इस बार उन हिंदुओं को धमकी दी है, जो अभी भी उस भूमि के चरित्र को माँ शक्ति की भूमि बनाए हुए हैं। जैसे पाकिस्तान में कटास राज से संबंधित पहचान समाप्त हुई, जैसे लवपुर की पहचान समाप्त हुई और जैसे शेष प्राचीन मंदिरों की पहचान समाप्त हुई, वैसे ही पूर्वी पाकिस्तान अर्थात नया बांग्लादेश उसी के नक्शेकदम पर चलते हुए हिंदुओं को उनके पर्व मनाने पर भी प्रतिबंध लगाने पर अड़ने जैसा प्रतीत हो रहा है।

बांग्लादेश में ऐसा नहीं है कि पहली बार दुर्गापूजा को लेकर तनाव हुआ है। ऐसा पूर्व में हो चुका है और वर्ष 2021 में दुर्गापूजा के विरुद्ध जो षड्यन्त्र हुआ था, उसे भी शायद ही कोई भूला हो। वहाँ पर कुरान के अपमान को लेकर पूजा पंडालों और हिन्दू मंदिरों पर हमले किए गए थे।

कहीं ऐसा तो नहीं है कि हिंदुओं पर यह नए हमले इस बात की लड़ाई है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में से जिन्ना और अल्लामा इकबाल की विरासत को आगे ले जाने वाला असली पाकिस्तान कौन सा है? क्या यह पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के असली मुस्लिम पाकिस्तान होने की प्रतिस्पर्धा तो नहीं है?

बंगाली हिंदुओं की अपनी भूमि पर उन्हें उनकी उसी देवी की पूजा करने पर धमकी मिलना, कोई छोटी बात नहीं है? क्योंकि प्रदूषण तो काटे जाने वाले पशुओं के कारण जितना होता है, वह वर्ष में एक बार प्रतिमा विसर्जन से तो नहीं होगा? और न ही होता है। फिर वह क्या कारण है जिसके चलते उन्हें उसी देवी की शक्ति का पर्व नहीं मनाने दिया जा रहा है, जिस देवी की शक्ति के चलते उस भूमि की पहचान है?

Topics: कट्टरपंथी इस्लामिस्टों की हिन्दू घृणाBangladesh Durga Puja controversyDurga Puja idol immersion banBangladesh Hindu festival controversyBakrid sacrifice blood on the streetsबांग्लादेश दुर्गा पूजा विवादanti-Sheikh Hasina movementदुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन बैनBangladesh religious tensionबांग्लादेश हिंदू त्योहार विवादHindu hatred of radical Islamistsबकरीद कुर्बानी सड़कों पर खूनशेख हसीना विरोधी आंदोलनबांग्लादेश धार्मिक तनाव
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

बांग्लादेश में अत्याचार : अल्पसंख्यक संगठनों ने उठाई आवाज, यूनुस सरकार के सामने रखी ये आठ मांगें

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जल बचाओ अभियान से जुड़े विशेषज्ञ

‘सबसे बोलो, नल कम खोलो’

Representational Image

IMF से पैसा लेकर आतंकवाद में लगा सकता है पाकिस्तान, भारत ने बैठक में जताई चिंता, रिकॉर्ड पर लिया बयान

PIB Fact Check : दिल्ली आगजनी और मिसाइल हमले का फर्जी वीडियो वायरल, PIB ने खोली पाकिस्तान की पोल!

चित्र वर्तमान समय के अनुसार नहीं है. प्रतीकात्मक हैं.

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान कर रहा भारी गोलीबारी : भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब, हमास के हथकंडे अपना रहा आतंकिस्तान

Tension on the border : जैसलमेर-बाड़मेर समेत 5 ज़िलों में हाई अलर्ट और ब्लैकआउट, शादी-धार्मिक कार्यक्रमों पर भी पाबंदी

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies