नई दिल्ली । हिमाचल प्रदेश सरकार के हालिया आदेश को लेकर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के मंत्री विक्रमादित्य सिंह को तलब किया है और इस आदेश पर नाराजगी जताई है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने रेहड़ी, फास्ट फूड कॉर्नर और ढाबा मालिकों को काउंटर पर अपना नाम और पहचान का दस्तावेज अनिवार्य रूप से लगाने का आदेश जारी किया था। इस फैसले के बाद राज्य सरकार और कांग्रेस हाईकमान के बीच विवाद उभर आया है।
सरकार के फैसले पर कांग्रेस हाईकमान की नाराजगी
यह आदेश उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के समान है, जिसने इसी प्रकार का कदम उठाया है। विक्रमादित्य सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि यह व्यवस्था विशेषकर खाद्य सामग्री बेचने वालों के लिए सख्ती से लागू हो, ताकि बेची जाने वाली वस्तुएं स्वच्छ और पौष्टिक हों। इस आदेश के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर असंतोष का माहौल पैदा हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप केंद्रीय नेतृत्व ने विक्रमादित्य सिंह को दिल्ली तलब किया है।
कांग्रेस नेतृत्व ने जताई नाराजगी
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इस आदेश को लेकर विक्रमादित्य सिंह से नाराजगी व्यक्त की है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर नहीं लिया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश सरकार रेहड़ी वालों को लाइसेंस देकर नियमित करने की योजना बना रही है, ताकि अव्यवस्था न फैले।
विक्रमादित्य सिंह की सफाई
विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया से बात करते हुए इस मामले पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार का आदेश पूरी तरह से राज्य की आंतरिक सुरक्षा और नागरिकों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश में किसी भी राज्य से लोग रोजगार के लिए आ सकते हैं, लेकिन राज्य की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
प्रदेश में सियासी माहौल गर्म
हाल के दिनों में हिमाचल प्रदेश का सियासी माहौल गर्म होता दिखाई दे रहा है। राज्य में अवैध मस्जिदों के निर्माण का आरोप लगाकर कई हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया है, जिससे प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। सोशल मीडिया पर इसके कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें लोगों की नाराजगी साफ दिखाई दे रही है।
कौन है विक्रमादित्य सिंह और क्या है कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति
विक्रमादित्य सिंह, जो कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं, प्रदेश की कांग्रेस राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी मां, प्रतिभा सिंह, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद जब राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी, तब मुख्यमंत्री पद के लिए प्रतिभा सिंह प्रमुख दावेदार थीं, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री चुना गया था। इसके बाद से ही कांग्रेस में अंदरूनी संघर्ष की खबरें सामने आ रही थीं, और अब यह विवाद विक्रमादित्य सिंह के आदेश के बाद और बढ़ गया है। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की नजरें अब हिमाचल प्रदेश की सियासी हलचल पर टिकी हुई हैं।
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