नई दिल्ली । कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल रेप-हत्या मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सीबीआई ने बुधवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अदालत में कहा कि “ताला पुलिस स्टेशन में मामले से संबंधित कुछ झूठे रिकॉर्ड बनाए गए थे”।
सीबीआई ने अदालत को बताया कि ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व अधिकारी अभिजीत मंडल ने 9 अगस्त को अपराध वाले दिन आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से कई बार बात की थी। सीबीआई ने कहा कि दोनों से हिरासत में पूछताछ से कई नई बातें सामने आयी हैं। जिसमें यह भी पता चला कि ताला पुलिस स्टेशन में कुछ दस्तावेजों से छेड़छाड़ की गई थी।
सीबीआई की दलीलें
सीबीआई ने अभिजीत मंडल की जमानत याचिका का विरोध किया। साथ ही, दोनों अरोपीयों की हिरासत को 30 सितंबर तक बढ़ाने की मांग की है। सीबीआई ने अदालत में कहा कि मंडल को जमानत देने से सबूतों से छेड़छाड की आशंका है।
वकीलों ने की सीबीआई से सबूत की मांग
मंडल के वकील ने सीबीआई से आरोप लगाने के बजाय सबूत दिखाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हत्या के बाद अस्पताल प्रमुख का प्रभारी अधिकारी से बात करना स्वाभाविक था। संदीप घोष के वकील ने तर्क दिया कि अदालत को सीलबंद लिफाफे पर विचार नहीं करना चाहिए। अगर कोई केस डायरी है तो उसी का हवाला देना चाहिए।
घटना विवरण
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल एक 31 वर्षीय पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव पाया गया। जिससे देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। सीबीआई ने अब तक इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर किया है। इनमें संदीप घोष, अभिजीत मंडल और संजय रॉय शामिल हैं।
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