न्यूयार्क में अमेरिकी भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भी था कि आज भारत उस स्थान पर है कि उसकी बात गंभीरता से ली जाती है। सिर्फ रूस—यूक्रेन युद्ध को लेकर ही नहीं, बल्कि इस्राएल—हमास युद्ध को लेकर भी इस्राएल की सरकार मोदी के विजन की प्रशंसा कर चुकी है। खुद प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने मोदी के इस ओर प्रयासों को सराहा है। न्यूयार्क में मोदी फिलिस्तीन के राष्ट्रपति अब्बास से भी मिले और उन्हें भारत की ओर से हर संभव सहायता का वचन दिया।
न्यूयार्क में अपनी बैठकों में से समय निकालकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से विशेष रूप से मिले और दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध की ताजा स्थिति और उसके हल पर मंथन किया। इस बातचीत में जेलेंस्की ने पीएम मोदी का यूक्रेन आने और युद्ध के समाधान की दिशा में प्रयास करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनका यूक्रेन आना वहां के नागरिकों को बहुत अच्छा लगा है और उनका यूक्रेन के प्रति सहृदयता दिखाना बेहद भाया है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी पिछले दिनों, 23 अगस्त को यूक्रेन की राजधानी कीव गए थे और वहां उन्होंने कहा था कि आज युद्ध नहीं बातचीत से मुद्दे सुलझाने का वक्त है। उन्होंने युद्ध में मारे गए बच्चों के स्मारक पर पुष्पांजलि भी की थी। मोदी की सहृदयता से यूक्रेन के लोग अभिभूत थे और जेलेंस्की ने मानव पीड़ा के प्रति मोदी की समझ की खुलकर प्रशंसा की थी।
अमेरिका दौरे में मोदी का जेलेंस्की से विशेष रूप से मिलना विश्व के हित में एक दूरगामी परिणाम वाला माना जा रहा है। इस द्विपक्षीय बैठक में महीनेभर के अंदर दूसरी बार और तीन महीने में तीसरी बार मिले दोनों नेताओं ने वैश्विक स्थिति के साथ ही युद्ध से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
इस वार्ता के बाद मोदी ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा कि ‘न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति जेलेंस्की से भेंट हुई। द्विपक्षीय संबंधों को और पुख्ता करने की दृष्टि से हम गत माह यूक्रेन के मेरे दौरे के नतीजों को क्रियान्वित करने को लेकर कटिबद्ध हैं।’ इस वार्ता में मोदी ने रूस—यूक्रेन युद्ध के शीघ्र हल तथा शांति व स्थिरता की पुनर्बहाली को लेकर भारत का समर्थन फिर से व्यक्त किया। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने विभिन्न विषयों पर भारत की सहज—सजगता की खुलकर प्रशंसा भी की।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने इस अवसर पर साफ स्वीकारा कि प्रधानमंत्री मोदी के यूक्रेन आकर रूस से तनाव के विषय में अपनी चिंताओं से अवगत कराने की खूब प्रशंसा हुई है। जेलेंस्की ने आगे कहा कि इस युद्ध के हल का रास्ता तलाशने में प्रधानमंत्री मोदी की कोशिशों के प्रति हम आभार व्यक्त करते हैं। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में अनेक विषयों पर सकारात्मक प्रगति दिख रही है। दोनों में निकट संपर्क बना हुआ है और आगे भी बना रहेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी दोहराया कि वे सदा ही शांति के मार्ग पर बढ़ने की वकालत करते रहे हैं। इसके पीछे वजह है कि यदि शांति नहीं होगी तो सतत विकास भी नहीं होगा। सब संबंधित पक्ष इसी प्रयास में लगे हैं कि इस युद्ध की समाप्ति हो और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा जाए।
जेलेंस्की से चर्चा में मोदी ने स्पष्ट किया कि इस विषय में उनकी विभिन्न वैश्विक नेताओं से बात होती रही है। सब चाहते हैं कि कैसी भी युद्ध रुके जिसके लिए मार्ग तलाशा जाए। इस ओर सबके प्रयास कर रहे हैं।
यहां यह ध्यान रखना होगा कि अपनी यूक्रेन यात्रा में और अन्य मंचों पर मोदी अपनी ओर से मध्यस्थता का विषय रख चुके हैं जिस पर अनेक वैश्विक नेताओं की सकारात्मक प्रतिक्रिया आई थी। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावाराव ने भी कहा था कि युद्ध को रोकने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। ऐसा कहकर उन्होंने संकेत किया था कि मोदी के प्रयासों को वे गंभीरता से लेते हैं और जानते हैं कि मोदी सही मार्ग ही सुझााएंगे। भारत सरकार को लेकर यह भरोसा मोदी की कूटनीति के संदर्भ में बहुत कुछ बयां करता है।
न्यूयार्क में अमेरिकी भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भी था कि आज भारत उस स्थान पर है कि उसकी बात गंभीरता से ली जाती है। सिर्फ रूस—यूक्रेन युद्ध को लेकर ही नहीं, बल्कि इस्राएल—हमास युद्ध को लेकर भी इस्राएल की सरकार मोदी के विजन की प्रशंसा कर चुकी है। खुद प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने मोदी के इस ओर प्रयासों को सराहा है। न्यूयार्क में मोदी फिलिस्तीन के राष्ट्रपति अब्बास से भी मिले और उन्हें भारत की ओर से हर संभव सहायता का वचन दिया।
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