‘सिखों को हमेशा से कांग्रेस से खतरा रहा है’- सुखी चहल
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम साक्षात्कार

‘सिखों को हमेशा से कांग्रेस से खतरा रहा है’- सुखी चहल

राहुल गांधी विवादों में घिरे हुए हैं। अमेरिका में जिस सिख का राहुल ने जिक्र किया, उन्होंने उनकी बातों को तथ्य से परे बताया है। भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी सुखी चहल भी राहुल के बयान से आहत हैं।

by WEB DESK
Sep 24, 2024, 07:12 am IST
in साक्षात्कार
भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी सुखी चहल

भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी सुखी चहल

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अमेरिका में सिख समुदाय के विरुद्ध टिप्पणी करने के बाद से राहुल गांधी विवादों में घिरे हुए हैं। अमेरिका में जिस सिख का राहुल ने जिक्र किया, उन्होंने उनकी बातों को तथ्य से परे बताया है। भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी सुखी चहल भी राहुल के बयान से आहत हैं। उन्होंने राहुल गांधी को बहस की खुली चुनौती दी है। इन दिनों वह दिल्ली में हैं। उनसे पाञ्चजन्य की सलाहकार संपादक तृप्ति श्रीवास्तव ने विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत हैं उसके अंश –

सिख समुदाय के बार में राहुल गांधी ने जो बयान दिया है, उस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
राहुल गांधी ने जो भी बात कही है, वह सिख समाज के लिए ठीक नहीं है। वे विपक्ष के नेता हैं। भारत में 1984 में सिखों का खुलेआम कत्लेआम हुआ। सिखों को आज तक अपने देश में हाथ में कड़ा पहनने या वेश-भूषा को लेकर किसी भी प्रकार का खतरा महसूस नहीं हुआ, लेकिन राहुल गांधी अमेरिका जाकर बोलते हैं कि ‘सिख खतरे में’ हैं। दूसरे मुल्क में जाकर सिखों के प्रति इस तरह का बयान देना बहुत अफसोस की बात है। इस तरह के बयान से देश विरोधी ताकतों को बल मिलेगा। पन्नू जैसे खालिस्तानी इस तरह की बात करते हैं।

 जिस खालिस्तानी विचारधारा ने इंदिरा गांधी की हत्या करवा दी, भारत आज भी उससे लड़ रहा है। क्या राहुल गांधी का बयान खालिस्तानी विचारधारा को खाद-पानी नहीं दे रहा है?
मैं खुद अमेरिका का नागरिक हूं। वहां 1994 तक खालिस्तान नाम की कोई चीज नहीं थी। इस बात को लेकर मैं पहले बहुत गुस्से में था, पर अब नहीं हूं, क्योंकि जिस खानदान में राहुल गांधी पैदा हुए हैं, उसमें उनकी दादी इंदिरा गांधी की हत्या हुई, उसके बाद उनके पिता राजीव गांधी ने 1984 में सिखों का कत्लेआम करवाया। इस कत्लेआम में जो भी जिम्मेदार था, उसे उन्होंने अपनी कैबिनेट में जगह दी और 40 साल तक मुकदमे में निर्णय नहीं आया। अभी भी दिल्ली में एक विधवा कॉलोनी है, जो कि उस दौर का एक जीता-जागता सबूत है। मैं तोड़-मरोड़ कर बात नहीं कर रहा हूं। कोई भी उस कॉलोनी के लोगों या सिख समुदाय से सच्चाई पूछ सकता है। राहुल को अपने परिवार से ही इसकी शिक्षा मिली है। कांग्रेस के नेताओं को कुछ नहीं मालूम है। वे यही कहते हैं कि राहुल जो कह रहे हैं, वह ठीक है। मैं कहूंगा कि इस बात को गंभीरता से लेनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी में कोई भी एक-दूसरे से सलाह-मशविरा नहीं कर सकता। कांग्रेस इस बयान को छोटी-सी बात बता रही है, परंतु हमारे सिख समुदाय के लिए यह बहुत बड़ी बात है। इस बयान को वैश्विक मीडिया गलत तरीके से इस्तेमाल करेगा।

राहुल गांधी जब भी देश से बाहर जाते हैं, तो उन पर देश विरोधी बयान देने के आरोप लगते रहे हैं। उनके इस तरह के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चुप क्यों हैं?
मैंने तो पहले ही कहा है कि इस पार्टी में कोई आपस में सलाह-मशविरा नहीं करता। यह एक परिवार की पार्टी है। नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक पार्टी का सफर ऐसा ही रहा है। मैं कई बार राहुल गांधी से मिल चुका हूं। जिस तरह से छोटे बच्चे की सोच होती है, मुझे तो वे वैसी ही बचकानी सोच वाले लगे। उनकी बातों में स्पष्टता नहीं होती है। उनमें नेतृत्व करने की क्षमता नहीं है। सिख समुदाय किसी भी मत-पंथ के बारे में गलत नहीं बोलता है, परंतु यदि कोई सिख समुदाय के बारे में गलत बोलेगा तो वह चुप नहीं रहेगा। राहुल गांधी के बयान के समय से लेकर अभी तक मैं भारत में हूं। यदि मैं वहां होता, तो खड़ा होकर कहता कि आप जो बयान दे रहे हो, वह गलत है। उस समय हालात बहुत नाजुक हो जाते, क्योंकि मैं चुप रहने वाला नहीं हूं। मैं आपके माध्यम से राहुल गांधी को कहना चाहूंगा कि आप मुझसे इस बारे में बात करो। इसके लिए मुझे जहां भी बुलाओगे, अकेले आऊंगा। बेशक पूरी कांग्रेस इस पर मुझसे बहस कर ले। यह भारत को तोड़ने वाला बयान है। कोई और बोलता तो समझ में आता कि उसे सिखों के बारे में कुछ भी नहीं मालूम है। लेकिन राहुल गांधी का तो पूरा खानदान सिखों से अवगत है। इंदिरा गांधी ने पंजाब में सिखों को बर्बाद कर दिया था। मैं राहुल गांधी को कहना चाहूंगा कि सिखों को हमेशा कांग्रेस से खतरा रहा है। जिसने अकाल तख्त को समाप्त करने की कोशिश की, उसे सिख समुदाय कभी नहीं भूलेगा और न ही उसे बख्शेगा।

इंदिरा गांधी की गलती के कारण अलगावसादी ‘खालिस्तान’ आंदोलन जन्मा। आज राहुल गांधी के बयान से खालिस्तानी खुश हो रहे हैं। क्या कांग्रेस फिर से वही गलती कर रही है?
मैं तो इतना ही कहूंगा कि राहुल गांधी को अकाल तख्त, गुरुद्वारों में जाकर सिखों से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस शुरू से ही सत्ता पाने के लिए सिखों को बली का बकरा बनाती रही है। उसने हिंदू-सिख के बीच घृणा फैलाने का काम किया। इस बारे में हम पढ़ते नहीं, देखते नहीं। 1985 के चुनाव में कांग्रेस ने 404 सीटें जीती थीं, उस समय भाजपा के सिर्फ 2 सांसद थे। आप सोच सकते हैं कि उस समय राजीव गांधी कितने ताकतवर थे। उसी समय कितने ही सिखों की हत्या हुई। लोग कहते हैं कि दंगा हुआ था, लेकिन वह दंगा नहीं था, क्योंकि दंगा दो समुदायों के बीच होता है। उस समय तो निर्दोष सिखों को घर से खींच-खींच कर कत्ल किया गया। कांग्रेस ने लगातार तीन दिन तक पगड़ी उतार कर सिखों की हत्या करवाई। इतिहास इसका गवाह है। यह बात कोई नहीं बताता कि जिस समय खासकर दिल्ली में, सिखों पर अत्याचार हो रहे थे, तब सिख बहु-बेटियों को हिंदुओं ने अपने घरों में शरण दी थी। इसके लिए सिख समुदाय पर हिंदुओं का बहुत बड़ा एहसान है। आज कांग्रेस का नेता यह कहे कि ‘सिख खतरे में हैं’, तो यह कितने शर्म की बात है।

क्या लगता है,कांग्रेस को अपनी किसी गलती पर पछतावा नहीं होता?
आप 2017 के चुनाव को याद कीजिए। पंजाब में सिखों ने कांग्रेस को वोट नहीं दिया, बल्कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नाम पर वोट दिया था। सिख दुनिया के किसी भी हिस्से में हों, उनके प्रति कांग्रेस का रवैया कैसा है, इसके बारे में वे अच्छी तरह से जानते हैं। गुरुद्वारे में हिंदू भी जाते हैं। लेकिन कांग्रेस की साजिश यही है कि किसी भी तरह से हिंदुओं और सिखों को आपस में लड़ाया जाए, ताकि उसकी राजनीति की दुकान फलती-फूलती रहे। इस साजिश में कांग्रेस कभी कामयाब नहीं हो सकती। राहुल गांधी ने विदेश में जो बयान दिया है, वह मात्र खालिस्तानियों को खुश करने के लिए है। मेरा मानना है कि कांग्रेस और खालिस्तानी में कोई अंतर नहीं है। यह बयान खानिस्तानी पन्नू के इशारे पर दिया गया है। पन्नू भी कहता है कि ‘सिख गुलाम हैं’ और ‘हम उन्हें आजादी दिलाना चाहते हैं।’ इसलिए यह पूरी तरह से सोच-समझ कर दिया गया बयान है।

कांग्रेस 1984 के दंगे का सच ही स्वीकार करने को तैयार नहीं है, तो क्या राहुल गांधी के बयान के लिए माफी मांगेगी?
देखिए, राहुल गांधी की तो मैं बात नहीं करता, परंतु कांग्रेस में कुछ नेता ऐसे हैं, जो अच्छे हैं और इस गलत बयान को समझ भी रहे हैं। शायद वे राहुल गांधी को गलत बयानबाजी के लिए माफी मांगने को कहें। यदि इस तरह की बयानबाजी का सिख समुदाय कड़ा जवाब नहीं देगा तो भविष्य में बहुत ज्यादा गड़बड़ी हो सकती है। इससे भविष्य में यह भी होगा कि दुनिया में जहां-जहां सिख रहते हैं, वहां उनके देश छोड़ने की बात होने लगेगी।

अतीत में सिख समुदाय पर जो अत्याचार हुए, उसके बारे में आज की पीढ़ी को आप क्या संदेश देंगे?
सिखों के साथ बहुत नाइंसाफी हुई है। उनके जख्म पर मलहम लगाने के बजाए कांग्रेस ने हमेशा उसे कुरेदा है। मलहम लगाने का काम 2001 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन सरसंघचालक श्री कुप्.सी. सुदर्शन जी ने किया था। लेकिन इस बात को कभी कोई नहीं बताता। सिख समुदाय के जितने भी प्रतिष्ठित लोग थे, उन सभी के साथ सुदर्शन जी ने बैठकर बात की थी। अलगाववाद के दौर में लोग कहते थे कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग भिंडरावाले के गुरुद्वारे में आते थे, जबकि सच्चाई यह है कि वे यह जानते थे कि देश में सिखों को आगे बढ़ाने में उनका बहुत बड़ा सहयोग रहता है। वे जानते हैं कि सिख समुदाय ने जो कुर्बानियां दी हैं, उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनका एक ही उद्देश्य था कि आपस में भाईचारा बना रहे। 1984 में सिख समुदाय पर जो अत्याचार हुए, वह कांग्रेस प्रायोजित था। यह मैं नहीं, बल्कि इसकी सच्चाई का इतिहास बताता है।

विपक्ष के नेता की बयानबाजी से सिख समुदाय को किस तरह की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है?
यह मानकर चलिए कि जो सिख समुदाय में पैदा होता है, वह हर चुनौती का सामना करने और उसका समाधान निकालने में सक्षम होता है। सिख समुदाय के अधिकांश लोग अपने काम-धंधे पर ध्यान देते हैं। नफरत फैलाना चंद लोगों का ही काम होता होता है। गुरु गोबिंद सिंह जी जैसी अनेक महान विभूतियों ने देश, धर्म के लिए जो बलिदान दिया है, उसका गवाह इस देश का इतिहास है। उनके प्रति आज भी लोगों के मन में अपार श्रद्धा है। उनका बस इतना कसूर था कि वे अपने धर्म-पंथ पर अड़े रहे और मुसलमान बनने से इनकार कर दिया। लेकिन कांग्रेस ने नफरत फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भाजपा या संघ हमेशा देश बारे में सोचते हैं। ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि संघ ने किसी भी सिख को हिंदू बनाया हो। लेकिन कांग्रेसी कहते हैं कि ‘सिखों को आरएसएस’ से खतरा है। इस तरह की बातें सिर्फ देश विरोधी ताकतों को बढ़ावा देती हैं।

मैंने संघ के कई लोगों से बात की है, वे बहुत ध्यान से हर बात को सुनते हैं और विश्लेषण के बाद पूरी गंभीरता से किसी मुद्दे पर बात करते हैं। कांग्रेस के शासनकाल में विदेशों में सिख समुदाय के लगभग 212 लोगों को काली सूची में रखा गया था, जिसे हमने वर्तमान मोदी सरकार से चर्चा कर वापस करवाया। कुछ समय पहले अफगानिस्तान के गुरुद्वारे में बम धमाके हुए, जिसमें काफी सिख मारे गए थे। अफगानिस्तान में सिख समुदाय पर अत्याचार को लेकर मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखा। भारत सरकार वहां से गुरुग्रंथ साहिब और सिखों को सुरक्षित लेकर आई। सिखों को दिल्ली में शरण दी। पूरा सिख समाज सीना ठोक कर कह सकता है कि वर्तमान सरकार सिखों का सम्मान करती है। किसी भी मसले का समाधान लड़ाई से नहीं बातचीत से निकलता है। हमेशा तथ्य और तर्कों के आधार पर बात रखने के बाद ही सच जनता के बीच पहुंचना चाहिए। भारत में न तो कोई पगड़ी पहनने से रोक रहा है और न ही कड़ा पहनने से। जो ऐसी बात कर रहा है वह निश्चित रूप से देश विरोधी ताकतों के लिए टूलकिट का काम कर रहा है। ऐसे लोगों को सिख समुदाय को सतर्क रहने की आवश्यकता है। कौन सिख समुदाय के हित की बात कर रहा है और कौन उसका अहित कर रहा है, यह लोगों को खुद समझना होगा।

Topics: separatist 'Khalistan' movementGuru Granth Sahib and Sikhsप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीSikhs in dangerराहुल गांधीRahul Gandhiइंदिरा गांधी की हत्याविदेश मंत्री एस जयशंकरIndira Gandhi's assassinationअलगावसादी ‘खालिस्तान’ आंदोलनगुरुग्रंथ साहिब और सिखसिख खतरे में
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

नेशनल हेराल्ड मामला: सोनिया और राहुल गांधी कोर्ट को कर रहे गुमराह, दी गलत जानकारी, ईडी की बड़ी दलीलें

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

ममता बनर्जी  एवंं असदुद्दीन ओवैसी

मतदाता सूची : बवाल के पीछे असल सवाल

विश्व में भारत का गौरव

कमला प्रसाद बिसेसर को सरयू का पवित्र जल सौंपते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो साभार: द हिन्दू)

राम मंदिर प्रतिकृति, गंगा और सरयू का पवित्र जल: पीएम मोदी का त्रिनिदाद की पीएम को उपहार

संविधान, संशोधन और सवाल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies