हरियाणा में विधानसभा इलेक्शन के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को झटका देते हुए सोमवार को प्रदेश के वनवासी नेताओं और अन्य दलों से नाता तोड़कर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बनाए रास्ते पर चलने का आग्रह किया है।
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उनकी ये टिप्पणी हरियाणा विधानसभा चुनाव में बसपा और आईएनएलडी के गठबंधन द्वारा हरियाणा में दलितों के पक्ष में खुद को स्थापित करने की कोशिशों के बीच आई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य जातिवादी दलों पर दलित नेताओं का इस्तेमाल केवल मुसीबत के समय करता है और बाद में उसे हाशिए पर डाल देता है।
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उन्होंने कहा कि देश में अब तक के सियासी घटनाक्रमों ने साबित कर दिया है कि कांग्रेस और अन्य जातिवादी दल दलितों को केवल उनके बुरे दिनों में ही याद करते हैं और उन्हें अस्थायी तौर पर सीएम या अन्य महत्वपूर्ण संगठनात्मक पदों पर नियुक्त करते हैं। लेकिन, अपने अच्छे दिनों में ये पार्टी अधिकतर वनवासियों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया जाता है और उनकी जगह जातिवादी व्यक्तियों को लाते हैं, जैसा कि अब हरियाणा में देखा जा रहा है।
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मायावती का कहना है कि इन अपमानित वनवासी नेताओं को अपने मसीहा बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर से प्रेरणा लेनी चाहिए। इसीलिए उन्हें खुद को इन पार्टियों से अलग कर लेना चाहिए।
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