गत 15 सितंबर को अलवर (राजस्थान) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अलवर नगर के स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण हुआ। इसमें 2,842 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। उनका मार्गदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि हम अपने धर्म को भूलकर स्वार्थ के अधीन हो गए। इसलिए छुआछूत चली, ऊंच-नीच का भाव बढ़ा।
हमें इस भाव को पूरी तरह मिटा देना है। जहां संघ का काम प्रभावी है, संघ की शक्ति है, वहां कम से कम मंदिर, पानी, श्मशान सब हिंदुओं के लिए खुले होंगे, यह काम समाज का मन बदलते हुए करना है। सामाजिक समरसता के माध्यम से परिवर्तन लाना है। उन्होंने स्वयंसेवकों से सामाजिक समरसता, पर्यावरण, कुटुम्ब प्रबोधन, स्व का भाव और नागरिक अनुशासन, इन पांच विषयों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि जब इन बातों को स्वयंसेवक अपने जीवन में उतारेंगे, तब समाज भी इनका अनुसरण करेगा। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष संघ कार्य को 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। संघ की कार्य-पद्धति दीर्घकाल से चली आ रही है। हम कोई कार्य करते हैं तो उसके पीछे विचार क्या है, यह हमें ठीक से समझ लेना चाहिए और अपनी कृति के पीछे यह सोच हमेशा जाग्रत रहनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें अपने राष्ट्र को समर्थ करना है। हमने प्रार्थना में ही कहा है कि यह हिंदू राष्ट्र है, क्योंकि हिंदू समाज इसका उत्तराधिकारी है। इस राष्ट्र का अच्छा होता है तो हिंदू समाज की कीर्ति बढ़ती है। राष्ट्र में कुछ गड़बड़ी होती है तो उसकी आंच हिंदू समाज पर आती है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र को परम वैभव संपन्न और सामर्थ्यवान बनाने का काम पुरुषार्थ के साथ करने की आवश्यकता है। हमें समर्थ बनना है। इसके लिए पूरे समाज को योग्य बनाना पड़ेगा। हिंदू मतलब विश्व का सबसे उदारतम मानव, जो सब कुछ स्वीकार करता है। सबके प्रति सद्भावना रखता है।
उन्होंने स्वदेशी की बात करते हुए कहा कि जो वस्तु अपने देश में बनती है, वह विदेशी नहीं लेनी चाहिए। यदि जीवन के लिए आवश्यक है तो उसे अपनी शर्तों पर खरीदना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को समाज की सेवा में समय लगाना चाहिए। यह समाज पर उपकार नहीं,हमारा कर्तव्य है। इस अवसर पर अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।
गत 14 सितंबर को कोलकाता महानगर की सुविख्यात साहित्यिक संस्था श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय की वार्षिक साधारण सभा संपन्न हुई। इसमें 2024-2025 के लिए नई कार्यसमिति का चुनाव हुआ।
महावीर प्रसाद बजाज को पुन: पुस्तकालय का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। उपसभापति भागीरथ चांडक एवं महावीर प्रसाद रावत, मंत्री बंशीधर शर्मा, उपमंत्री सत्यप्रकाश राय एवं चंद्र कुमार जैन, अर्थमंत्री अरुण प्रकाश मल्लावत एवं साहित्य मंत्री डॉ. तारा दूगड़ सर्वसम्मति से निर्वाचित हुए।
सदस्यों में सर्वश्री डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी, डॉ. ऋषिकेश राय, अजय चौबे, नंद कुमार लढा, भंवरलाल मूंधड़ा, श्रीमती दुर्गा व्यास, मोहनलाल पारीक, योगेशराज उपाध्याय, अजयेन्द्रनाथ त्रिवेदी, डॉ. कमल कुमार, मनोज काकड़ा, संजय रस्तोगी, श्रीमती सुधा जैन, राजेश अग्रवाल, रामचंद्र अग्रवाल, भागीरथ सारस्वत एवं संजय मंडल चुने गए।
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