नई दिल्ली । आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और अभिनेता पवन कल्याण ने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में कथित रूप से पशु मेद (मछली का तेल, सूअर की चर्बी और बीफ वसा) की मिलावट के मामले पर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने पूर्ववर्ती वाईसीपी सरकार द्वारा गठित तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड को इस मामले में कठघरे में खड़ा किया और कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए। पवन कल्याण ने इस घटना को मंदिरों का अपमान और धार्मिक परंपराओं के खिलाफ बताया।
पवन कल्याण ने कहा, “तिरुपति बालाजी के प्रसाद में पशु मेद मिलाए जाने की खबर से हम सभी अत्यंत विक्षुब्ध हैं। तत्कालीन वाईसीपी सरकार के टीटीडी बोर्ड को इस मामले में जवाब देना होगा। हमारी सरकार सख्त कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है।”
‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ के गठन की मांग
पवन कल्याण ने इस घटना को धार्मिक भावनाओं का अपमान बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि पूरे देश में मंदिरों से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ का गठन किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि मंदिरों के अपमान, भूमि विवाद और अन्य धार्मिक प्रथाओं से जुड़े मसलों पर अब राष्ट्रीय बहस की जरूरत है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, “देशभर के नीति निर्माताओं, धार्मिक प्रमुखों, न्यायपालिका, आम नागरिकों और मीडिया के दिग्गजों को एक साथ आकर सनातन धर्म के अपमान को रोकने के लिए सार्थक कदम उठाने होंगे। यह केवल तिरुपति बालाजी मंदिर का मामला नहीं है, बल्कि पूरे सनातन धर्म और हमारी धार्मिक परंपराओं का सवाल है।”
सख्त कार्रवाई का आश्वासन
पवन कल्याण ने इस मुद्दे पर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि जो भी लोग इस मामले में दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और उनकी गरिमा को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने का भी आश्वासन दिया।
यह मामला अब तेजी से राजनीतिक और धार्मिक चर्चा का केंद्र बनता जा रहा है, और पूरे देश में इसके खिलाफ आवाज उठ रही है। पवन कल्याण के इस बयान के बाद यह स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे को हल्के में नहीं लेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
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