17 सितंबर 2024 । देशभर में गणपति विसर्जन का उल्लास हर साल की तरह इस बार भी हर्षोल्लास से मनाया जा रहा था, लेकिन देश के कई हिस्सों में इस धार्मिक आयोजन पर इस बार भी कट्टरपंथी मुस्लिमों ने जगह जगह पर हमला किया। गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, और दिल्ली समेत कई राज्यों में गणपति विसर्जन के दौरान मुस्लिम बहुल इलाकों से पथराव, मारपीट और हिंसा की घटनाएं सामने आईं।
यह घटनाएं केवल धार्मिक असहिष्णुता की नहीं, बल्कि कट्टरपंथी सोच के कारण उत्पन्न होती हिंसा का एक उदाहरण हैं। पथराव की इन घटनाओं में न केवल भगवान गणेश की मूर्तियों को क्षति पहुंचाई गई, बल्कि श्रद्धालुओं को भी गंभीर चोटें आईं। इस प्रकार की हिंसा के बावजूद भी कुछ लोगों द्वारा ये झूठा प्रचार किया जाता है कि भारत में मुस्लिम असुरक्षित हैं।
आज हम जिस रिपोर्ट को आपके सामने रख रहें हैं उसमे भारत के विभिन्न हिस्सों में मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा ‘गणेश चतुर्थी 2024’ के आयोजन और निकाले जा रहे शोभायात्रा पर हुए सुनियोजित तरीके से हमलों की कुल 17 प्रमुख घटनाओं का जिक्र है इन घटनाओं से न केवल गणपति उत्सव का माहौल खराब हुआ, बल्कि हिंदू समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर भी प्रश्न उठ रहे हैं।
भिवंडी (महाराष्ट्र) : गणेश प्रतिमा पर पथराव, विरोध करने पर लाठीचार्ज
17 सितंबर, 2024 को महाराष्ट्र के भिवंडी में हिंदुस्तानी मस्जिद के पास गणेश विसर्जन के दौरान मुस्लिम उपद्रवियों द्वारा गणेश प्रतिमा पर पत्थरबाजी की गई, जिससे प्रतिमा टूट गई। जब विसर्जन में शामिल लोगों ने इसका विरोध किया, तो पुलिस ने उन पर ही लाठीचार्ज कर दिया। कई श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए।
बलरामपुर (छत्तीसगढ़) : मुस्लिम दंगाइयों की पत्थरबाजी
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में 17 सितंबर, 2024 को आरा गाँव में गणेश विसर्जन के दौरान मुस्लिम दंगाइयों ने भीषण पथराव किया। हिंसा में कई लोगों को गंभीर चोटें आईं, जिनमें शीला यादव भी शामिल हैं। पुलिस ने मामले में कई उपद्रवियों को गिरफ्तार किया, लेकिन यह हिंसा धार्मिक सहिष्णुता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
त्रिलोकपुरी (दिल्ली) : हथियारों से लैस मुस्लिम भीड़ का हमला
16 सितंबर, 2024 को दिल्ली के त्रिलोकपुरी में गणेश विसर्जन से लौट रही भीड़ पर हथियारों से लैस मुस्लिम भीड़ ने हमला किया। हमले में दो श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की भी घटनाएं सामने आईं। यह घटना धार्मिक असहिष्णुता का काला अध्याय है।
फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) : ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारों के साथ हमला
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में गणेश विसर्जन के दौरान शमशाबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत 16 अगस्त, 2024 को मुस्लिम भीड़ ने लाठी-डंडों और ईंट-पत्थर से विसर्जन कर वापस आ रहे लोगों पर हमला किया। दंगाइयों ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए, जो सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ाता है।
बलरामपुर (उत्तर प्रदेश) : गणेश पंडाल के आगे ‘ख्वाजा-ख्वाजा’ के नारे
बलरामपुर (उत्तर प्रदेश) – बारावफात के जुलूस में 16 सितंबर 2024 को गणेश पंडाल के आगे मुस्लिम भीड़ ने हरे झंडे लहराए और कहा, ‘हिंदुस्तान में रहना है तो, ख्वाजा-ख्वाजा कहना है।’ सिद्धि विनायक सेवा समिति ने शिकायत करते हुए कहा, “उपद्रवी अभद्र नारे लगाकर हमला करने की धमकी दे रहे थे।” हिंदू समुदाय की धार्मिक आस्था पर इस प्रकार के हमले समाज के सांप्रदायिक ताने-बाने को कमजोर करते हैं।
झांसी (उत्तर प्रदेश ) : गणेश विसर्जन यात्रा पर सुनियोजित हमला
उत्तर प्रदेश के झांसी में मोंठ थाना क्षेत्र के मदारगंज मोहल्ले में 15 सितंबर, 2024 को गणेश विसर्जन के दौरान गुलाल उड़ाते-जयकारे लगाते हुए जा रहे हिंदुओं से मुस्लिम दंगाइयों ने पहले गाली-गलौज की। विसर्जन से लौटकर आते समय दंगाईयों ने सुनियोजित तरीके से श्रद्धालुओं से मारपीट की। हिंसा मामले में झांसी पुलिस ने शाहिद सहित 2 अन्य दंगाइयों को हिरासत में लिया।
पुणे (महाराष्ट्र) : गणेश महोत्सव पर हमला, जान से मारने की दी धमकी
महाराष्ट्र के पुणे में दौंड इलाके में 14 सितंबर, 2024 को सितारा तोरवे द्वारा आयोजित गणेश महोत्सव कार्यक्रम को लेकर यासीन इस्माइल सैय्यद ने हमला करते हुए तोरवे को जान से मारने की धमकी दी। सैय्यद पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 109, 118(1) और 351(2) के तहत मामला दर्ज किया।
महोबा (उत्तर प्रदेश) : शोभायात्रा में बच्चे द्वारा पटाखा चलाने पर मुस्लिम भीड़ ने किया हमला
उत्तर प्रदेश के महोबा में कसौराटोरी इलाके में 14 सितंबर, 2024 को निकाली जा रही गणेश विसर्जन जुलूस पर के दौरान एक छोटे से बच्चे के पटाखा फोड़ने से नाराज होकर मुस्लिम बहुल इलाके में उपद्रवियों ने भीषड़ पथराव किया और यात्रा में शामिल लोगों पर पानी फेंका।
मांड्या (कर्नाटक) : गणेश विसर्जन शोभायात्रा पर भीषण हमला, आतंकी संगठन का सदस्य गिरफ्तार
कर्नाटक के मांड्या के बदरीकोप्पलु गाँव के हिंदू श्रद्धालुओं द्वारा नागमंगला कस्बे से 11 सितंबर 2024 की रात निकाली जा रही गणपति विसर्जन शोभायात्रा जैसे ही एक मस्जिद के पास पहुंची, वैसे ही मुस्लिम दंगाइयों ने विसर्जन जुलूस पर पत्थरबाजी करना शुरू कर दिया। हथियार से लैस उपद्रवियों ने सड़क पर खड़ी 4-5 बाइकों को आग के हवाले कर दिया। मांड्या पुलिस ने आतंकी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के यूसुफ और नासिर को (केरल के मलप्पुरम निवासी) हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया।
सूरत (गुजरात) : गणेश मूर्तियों को तोड़ा गया
गुजरात के सूरत में अठवा इलाके के सोनी पालिया बाजार में लाइमा शेख और रुबिका पठान ने 10 सितंबर, 2024 को अपने नाबालिग बच्चों को उकसाकर विशाल हीरालाल खलासी के दुकान में गणेशोत्सव के लिए रखे गणेश जी की 10 मूर्तियों को तुड़वा दिया, जिससे विशाल को ₹60 हजार का नुकसान हुआ। गुजरात पुलिस दोनों मुस्लिम महिलाओं को हिरासत में लिया।
भरूच (गुजरात) : हिन्दू घरों पर जबरन लगाए इस्लामिक झंडे
गुजरात के भरूच में गोकुलनगर इलाके में 10 सितंबर, 2024 की रात को हिंदू त्योहार गणेशोत्सव के मौके पर मुस्लिमों ने हिंदुओं के घरों पर जबरन ईद की तैयारियों को लेकर अपने इस्लामिक झंडे और तोरण लगाने शुरू कर दिए। हिंदुओं ने जब इसका विरोध किया तो दंगाइयों ने हमला बोल दिया। भरूच पुलिस ने हिंसा के मामले में 17 लोगों को हिरासत में लिया।
लखनऊ (उत्तर प्रदेश) : अल्लाह हु अकबर के नारे के साथ तोडा गणेश पूजा कलश
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में चिनहट के गंगा विहार कॉलोनी में छोटी मस्जिद के पास रहने वाली रहने वाली किरण चौरसिया के घर के पास स्थापित गणेश पंडाल पर 10 सितंबर, 2024 को मुस्लिम कट्टरपंथियों ने ‘अल्लाह हु अकबर’ के नारे लगाते हुए पत्थरबाजी करके भगवान गणेश की मूर्ति के पास रखे कलश को तोड़ दिया। लखनऊ पुलिस ने हिंसा के मामले में 2 नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लिया।
कच्छ (गुजरात) : गणेश प्रतिमा को तोड़कर गाड़ दिया इस्लामिक झंडा
गुजरात के कच्छ में नखत्राणा के कोटा क्षेत्र के गाँव जारोदर में 10 सितंबर 2024 को पंडाल में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा पर मुस्लिम भीड़ ने पत्थरबाजी की। इस पत्थरबाजी से गणेश प्रतिमा की नाक टूट गई। उपद्रवियों ने पंडाल के ही पास एक हिन्दू मंदिर में इस्लामिक झंडा भी गाड़ दिया। कच्छ पुलिस ने केस दर्ज कर 3 नाबालिग आरोपित सहित 4 अन्य आरोपियों, मौलाना गुलाम हुसैन जाफर, आसिफ सुमरा पढियार, साहिल रमजान और हनीफ जुसन को गिरफ्तार किया।
रतलाम (मध्य प्रदेश) : गणेश चतुर्थी की शोभायात्रा पर दंगाइयों का हमला
मध्य प्रदेश के रतलाम में स्थित खेतलपुर से मेहंदीकुई बालाजी तक निकाली जा रही गणेश चतुर्थी जुलूस पर मुस्लिम बहुल इलाका हाथीखान मोचीपुरा के पास दंगाइयों ने गणेश की मूर्ति व श्रद्धालुओं पर पथराव किया। श्रद्धालुओं ने बताया कि पहला पत्थर मूर्ति पर लगा, उसके बाद जुलूस में शामिल लोगों व पुलिस वाहनों पर भी पत्थर लगे। हिंसा के मामले में 150 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
सूरत (गुजरात) : गणेश मंडप पर मुस्लिम उपद्रवियों का उत्पात
सूरत (गुजरात) – लालगेट इलाके में 7 सितंबर, 2024 को गणेश भगवान के मंडप पर मुस्लिम उपद्रवियों ने भीषण पथराव की। जब हजारों हिंदू विरोध में सड़कों पर उतरे तो पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 6 साजिशकर्ता समेत 27 पत्थरबाज गिरफ्तार किए। गणपति पंडाल के चारों तरफ करीब 1,000 पुलिसकर्मी तैनात किए।
लोहदरगा (झारखंड) : गणेश पूजा स्थल को लेकर किया हमला
झारखंड के लोहदरगा के वाल्मीकि नगर में 6 सितंबर, 2024 को गणेश पूजा स्थल को लेकर आयोजन समिति और हिंदू संगठन के लोगों मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया। मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना था कि यदि पूजा करना है तो अंदर गली में करें, वरना वह पूजा किसी भी हालत में संपन्न नहीं होने देंगे।
अकोला (महाराष्ट्र) : विसर्जन शोभायात्रा पर नूरानी मस्जिद से पथराव
अकोला जिले के अकोट शहर में गणपति विसर्जन शोभायात्रा के दौरान अरबी मदरसा नूरानी मस्जिद से कथित तौर पर पत्थरबाजी की घटना सामने आई। यह हिंसा मदरसा से जुड़े कट्टरपंथी मुस्लिम तत्वों द्वारा की गई है। यह घटना नंदीपेठ इलाके के पास हुई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और कुछ समय के लिए रोकी गई शोभायात्रा को पुनः शुरू करवाया। इस घटना के बाद 68 लोगों को हिरासत में लिया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।
हिन्दू त्योहारों पर हो रहे हमले : क्या आवाज उठाना “हेट मोंगर” कहलाना है?
इन घटनाओं के बीच सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि जब हिंदू समाज अपने धार्मिक आयोजनों पर हो रहे हमलों के खिलाफ आवाज उठाता है, तो उसे “हेट मोंगर” करार दिया जाता है। यह समाज की उस मानसिकता को दर्शाता है, जहां एक विशेष वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करना या उन पर हमले करना एक साधारण बात समझी जाती है, लेकिन जब कोई इसके खिलाफ बोलता है, तो उसे नफरत फैलाने वाला बता दिया जाता है।
उदाहरण के लिए, अकोला की घटना में पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई के बावजूद, कुछ मीडिया संस्थानों और सामाजिक संगठनों ने इसे हिंदू-मुस्लिम तनाव का मुद्दा बनाकर पेश किया। गणेश प्रतिमा पर पत्थरबाजी की बात को कमतर करके दिखाया गया, जबकि हिंदू श्रद्धालुओं की पीड़ा को अनदेखा किया गया।
यह एक ऐसा दृष्टिकोण है, जो समाज में हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को दबाने का प्रयास करता है। इससे न केवल धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में पड़ती है, बल्कि समाज में असंतुलन भी उत्पन्न होता है।
पथराव की बढ़ती घटनाएं: क्या कोई हल है?
गणपति विसर्जन के दौरान होने वाली इन हिंसक घटनाओं का सिलसिला हर साल बढ़ता जा रहा है। इसका मुख्य कारण कट्टरपंथी तत्वों द्वारा धार्मिक आयोजनों को निशाना बनाना और प्रशासन की कमजोर कार्रवाई है। इन घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी है कि प्रशासन ऐसे उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई करे और धार्मिक आयोजनों के दौरान कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करे।
इन घटनाओं के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम तत्व गणेश उत्सव और अन्य हिंदू धार्मिक आयोजनों को बाधित करने के लिए संगठित तरीके से हिंसा का सहारा ले रहे हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
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