ईरान: समय है अपने गिरेबान में झांकने का, अपने झूठों से सामना करने का
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

ईरान: समय है अपने गिरेबान में झांकने का, अपने झूठों से सामना करने का

ईरान के सबसे बड़े मजहबी नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनी ने भारत को लेकर हमला बोला और कहा कि भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहे हैं।

by सोनाली मिश्रा
Sep 18, 2024, 02:38 pm IST
in विश्व
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

ईरान के सबसे बड़े मजहबी नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनी ने भारत को लेकर हमला बोला और कहा कि भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहे हैं। सोमवार को पैगंबर की सालगिरह पर उन्होनें भारत में रहने वाले मुस्लिमों की तुलना गाजा में रहने वाले मुस्लिमों से की और कहा कि हम तभी मुस्लिम हो सकते हैं, जब भारत, गाजा और म्यांमार में मुस्लिमों की दुर्दशा पर बात कर सकें। खामेनी ने कितनी सरलता से भारत के मुस्लिमों को गाजा के मुस्लिमों के समकक्ष लाकर खड़ा कर दिया। मगर यह नहीं बताया कि गाजा के मुस्लिमों और भारत के मुस्लिमों में कहीं से कोई भी समानता नहीं है।

खामेनी को यदि मुस्लिमों की चिंता होती तो वह यमन या सीरिया आदि में भी मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों पर बोलते। ऐसा नहीं है। जिन तीन देशों के मुस्लिमों के बारे में खामेनी ने लिखा है, उनमें एक विशेष बात है। भारत और म्यांमार दो ऐसे देश हैं, जो खामेनी या कट्टरपंथियों की दृष्टि में दारुल-हरब हैं। अर्थात ऐसी जगहें जहां पर शरीयत लागू नहीं है और जहां पर अधिकतर लोग इस्लाम को नहीं मानते हैं। जहां पर बहुसंख्यक इस्लाम के इतर किसी और धर्म को मानते हैं। अर्थात गैर-इस्लामी देश! गाजा हालांकि इस्लामी मुल्क है और हमास के आतंकी इजरायल पर हमला करते रहते हैं और जिसके कारण यहूदी इजरायल हमास के आतंकियों से बदला लेता है।

भारत, म्यांमार और इजरायल तीनों ही ऐसे देश हैं, जो दारुल हरब हैं और तीनों ही स्थानों के गैर-मुस्लिम नागरिक कट्टरपंथी इस्लामिस्ट ताकतों के आतंक का शिकार होते रहे हैं। भारत में कश्मीरी पंडितों का पलायन अभी तक ताजा है और कश्मीरी पंडितों का सिस्टमेटिक जीनोसाइड अभी तक जारी है। भारत में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से हिन्दू अपनी न ही शोभायात्रा निकाल सकते हैं और न ही अपना कोई धार्मिक समारोह मना सकते हैं। भारत में हिंदुओं की शोभायात्रा, बारातों आदि पर मुस्लिम बहुल इलाकों में पत्थरबाजी बहुत आम बात है और यहाँ तक कि हिंदुओं के सरेआम गले काटना भी आम बात है।
कौन भूल सकता है उदयपुर के कन्हैया को या फिर कश्मीर के पंडित टपलू से लेकर गिरिजा टिक्कू को जिंदा ही आरे से काटा जाने को? भारत के सीने पर मजहबी आतंकवादियों के इतने घाव हैं, कि उन्हें यदि उधेड़ा जाएगा तो लगभग हर मस्जिद के नीचे से उन घावों के निशान मिलेंगे।

मगर ईरान के खामेनी इसलिए नहीं समझेंगे क्योंकि पर्शिया अर्थात फारस की पहचान छीनने वाले ईरान के नेता खुद ही लोगों की हत्याओं पर खड़े हैं। 1934 में फारस का नाम ईरान किया गया था। और वर्ष 1979 में ईरान के शाह के खिलाफ हुई क्रांति को इस्लामी ताकतों ने हाई जैक कर लिया था और इसके साथ ही इस्लाम मानने वाली महिलाओं एवं कुर्द जैसे अल्पसंख्यकों के साथ जो अत्याचार हुए, उनकी कोई तुलना ही नहीं है।

ईरान के खामेनी भारत में मुस्लिमों पर बात करने से पहले अपने ही मुल्क में उन हत्याओं पर बात करें, जो केवल राजनीतिक मतभिन्नता के कारण करा दी गई थीं। ईरान ने जब 1979 में ईरान के शाह को गद्दी से उतारा था, तो उसमें केवल इस्लामी ताकतों का हीं नहीं बल्कि कम्युनिस्ट, सोशलिस्ट आदि ताकतों का भी हाथ था। मगर इसे इस्लामिक क्रांति के नाम से प्रसिद्ध किया गया। जबकि ऐसा नहीं था।
वर्ष 1979 में गद्दी पाने के बाद जब ईरान के इस्लामिक नेता को यह लगने लगा कि उसकी राजनीतिक सत्ता के लिए कम्युनिस्ट, सोशलिस्ट नेता खतरा बन जाएंगे। तो 1981 में ईरान के इतिहास में एक और सबसे काला दौर आरंभ हुआ और वह था क्रांति के बाद ईरान में पूर्ववर्ती सरकारी अधिकारियों और सेना के अधिकारियों की हत्या एवं साथ ही अपने राजनीतिक विरोधियों की हाथा। जैसा कि हाल ही में जब ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी की मौत हुई थी तो एक बहुत बड़े वर्ग ने जश्न मनाया था और इब्राहीम रईसी को “तेहरान का कसाई” भी कहा जाता था।

ईरान के सबसे बड़े मजहबी नेता खुमैनी ने एक फतवा जारी किया था और उसके बाद राजनीतिक विरोधियों की हत्याएं शुरू हुईं। सबसे मजे की बात यही है कि जो ईरान भारत से कह रहा है कि मुस्लिमों के साथ अन्याय हो रहा है, उसने अपने ही मुल्क में इस्लामिक क्रांति होने के बाद ऐसे कानून बनाए, जिनका शिकार और कोई नहीं बल्कि मुस्लिम ही हुए।

मुस्लिम महिलाओं पर जो अत्याचार आरंभ हुए, उनकी कोई भी तुलना कहीं नहीं मिलती है। दारुल इस्लाम में मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार किए जाएं, तो उनकी सुनवाई कहीं नहीं है। और इसके साथ ही शिया ईरान में सुन्नी कुर्द समुदाय के साथ क्या होता है या क्या किया जाता है, वह भी आँकड़े बताते हैं, मगर चूंकि सुन्नी कुर्द समुदाय के साथ शिया ईरान में भेदभाव से लेकर राजनीतिक कैद, हत्याएं और न जाने क्या क्या होता है, वह सब चूंकि दारुल इस्लाम में होता है, तो ईरान के मजहबी नेता इस पर बात नहीं करेंगे।

कुर्दिश डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ ईरान के अनुसार ईरान और कुर्दिश फ्री लाइफ पार्टी (Kurdistan Free Life Party (PJAK)) संघर्ष में 30,000 से अधिक कुर्दिश नागरिक मारे गए हैं। एमनेस्टी की एक रिपोर्ट के अनुसार सुन्नी कुर्दिश समुदाय के साथ ईरान में नौकरियों में भेदभाव होता है और साथ ही बहुत ही रणनीतिक रूप से निजी क्षेत्रों में gozinesh कानून का पालन किया जाता है। यह कानून वर्ष 1985 में पारित हुआ था जो कई धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को नागरिक जीवन में पूरी तरह से भाग लेने से प्रतिबंधित करता है।

यहाँ तक कि ईरान मे बहाई समुदाय के साथ भी भेदभाव होता है। ईरान प्राइमर की वर्ष 2022 की एक रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि ईरान और मध्य पूर्व के अन्य देशों में बहाई समुदाय के लोग बढ़ती असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 300,000 बहाई लोग इस्लामिक गणराज्य में रहते हैं। वे सबसे बड़े गैर-मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यक हैं, लेकिन उन्हें लंबे समय से अपने धर्म के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। उनके साथ नौकरियों में और शिक्षा आदि मे सभी में भेदभाव होता है।
ईरान के नेता खामेनी को पहले फारस से ईरान में परिवर्तन और उसके बाद 1979 के बाद हुई कथित क्रांति के बाद अपने लोगों पर किए गए अत्याचारों पर एक नजर डालनी चाहिए और फिर भारत पर बात करने का साहस करना चाहिए।

Topics: IranGaza warAyatollah Ali KhameneiIndian Muslimcondition of Indian MuslimsIran Supreme LeaderAyatollah Ali Khamenei commentcondition of Muslims in Indiaoil import
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Iran hijab protest women raised slogan dictator death

ईरान नया हिजाब कानून लागू करने की तैयारी में, कही ये बात

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई

अमेरिकी टैरिफ वॉर के बीच ईरान को क्यों आई भारत की याद?

US Iran Nuclear talk

मस्कट में परमाणु वार्ता से पहले ईरान ने अमेरिका के समक्ष रखी शर्तें, क्या होगा इस वार्ता का भविष्य?

Donald trump to supply 2000 pound bomb to israel

लाल सागर में हूती विद्रोहियों पर कहर बरपा रहे ट्रंप , अमेरिकी एयरस्ट्राइक में अब तक 53 की मौत

Iran hijab protest women raised slogan dictator death

ईरान में गहराता इस्लामी कट्टरपंथ: महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्यता के लिए नजर ऐप, ड्रोन का हो रहा इस्तेमाल

US Airstrike houthi

यमन में हूती विद्रोहियों पर कहर बनकर बरसे ट्रंप: एयरस्ट्राइक से 24 ढेर, ईरान को कड़ी चेतावनी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

खेत हरे, खलिहान भरे

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies