वक्फ बोर्ड (संशोधन) विधेयक को लेकर हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मुस्लिम धर्मगुरुओं और विद्वानों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस विधेयक पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में मुस्लिम विद्वानों और धार्मिक नेताओं ने एकमत से इस विधेयक का समर्थन किया और इसे मुस्लिम समुदाय के हित में बताया। साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की नीयत पर किसी तरह का शक नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह विधेयक देश और समाज के पिछड़े तबके के मुसलमानों की भलाई के लिए लाया गया है।
वक्फ संपत्तियों का इस्तेमाल मुस्लिम समाज के गरीब और पिछड़े वर्गों की भलाई के लिए होना चाहिए था, लेकिन लंबे समय से यह संपत्तियां राजनीतिक हस्तक्षेप और गलत प्रबंधन का शिकार रही हैं। धर्मगुरु मोहम्मद कास्मिन ने कहा कि पिछले 70 वर्षों में वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग हुआ है। कुछ मुस्लिम नेताओं ने इन संपत्तियों का लाभ केवल अपने निजी हितों के लिए उठाया है, जबकि इसका असल मकसद जरूरतमंद मुसलमानों की मदद करना था।
राष्ट्रहित और समाजहित धर्मगुरु मोहम्मद कास्मिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने इस विधेयक को पेश कर समाज के सबसे निचले तबके के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वक्फ संपत्तियां गरीब मुसलमानों के लिए हैं, लेकिन उनका सही उपयोग नहीं हुआ है। यह विधेयक इसी समस्या को हल करने के लिए लाया गया है, ताकि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन बेहतर हो और उनका उपयोग मुस्लिम समाज की प्रगति के लिए किया जा सके।
मोहम्मद कास्मिन ने मुसलमानों से अपील की कि वे इस विधेयक को नकारात्मक नजरिए से न देखें, बल्कि इसे पढ़ें और समझें। उन्होंने कहा कि यह विधेयक राष्ट्रहित में है और इससे न केवल मुस्लिम समुदाय को फायदा होगा, बल्कि देश की समग्र प्रगति भी सुनिश्चित होगी।
विधेयक के समर्थन में विद्वान नाजिया हुसैन ने भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का वक्फ बोर्ड में महिलाओं को शामिल करने का निर्णय सही दिशा में एक कदम है। यह संशोधन महिलाओं को सशक्त बनाएगा और उन्हें वक्फ बोर्ड के फैसलों में भागीदारी करने का अवसर देगा। नाजिया हुसैन ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं की स्थिति को और मजबूत करेगा और समाज में उनके अधिकारों की रक्षा करेगा।
धर्मगुरु ताहिर इस्माइल ने इस विधेयक के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वक्फ संपत्तियों पर अवैध अतिक्रमण एक बड़ी समस्या रही है। इस संशोधन विधेयक के तहत उन सभी लोगों पर कार्रवाई होगी, जो वक्फ की जमीनों पर अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि इन जमीनों का उपयोग अस्पताल, स्कूल और अन्य विकास कार्यों के लिए किया जाना चाहिए था, जो अब इस विधेयक के माध्यम से संभव हो सकेगा।
विधेयक पर किसी भी तरह की शंका या समस्या को लेकर ताहिर इस्माइल ने कहा कि मुसलमानों को अपनी चिंताओं और सवालों को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सामने रखना चाहिए। सरकार ने इस विधेयक को पारदर्शिता के साथ पेश किया है, और मुस्लिम समुदाय को इसमें भागीदारी करने का पूरा हक है।
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