नई दिल्ली । हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणेश पूजा में शामिल होने के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। इस घटना ने कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच संबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने इस बैठक को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्ष पर पलटवार किया है।
विपक्ष का विरोध
विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री मोदी के CJI के आवास पर जाकर गणेश पूजा में भाग लेने पर गंभीर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच की सीमाओं को धुंधला करता है और इससे न्यायिक स्वतंत्रता पर सवाल उठते हैं। उन्होंने यह मुद्दा उठाया कि गणेश पूजा जैसे धार्मिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री और देश के सबसे बड़े न्यायिक अधिकारी का एक साथ शामिल होना न्यायपालिका की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकता है।
भाजपा का जवाब
विपक्ष के इन आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया पर कई पुराने घटनाक्रम साझा किए। पूनावाला ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन CJI केजी बालकृष्णन की तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें वे एक इफ्तार पार्टी में शामिल थे। उन्होंने कहा, “साल 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, जिसमें तत्कालीन CJI केजी बालकृष्णन भी शामिल हुए थे। उस समय इसे लेकर कोई सवाल नहीं उठे थे। फिर अब पीएम मोदी के गणेश पूजा में शामिल होने पर न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं?”
2009- PM Manmohan Singh’s Iftaar Party was attended by then CJI KG Balakrishnan- Sshhhh – Yeh Secular hai.. judiciary is safe!
PM Modi attends Ganesh Puja at current CJI House – oh God Judiciary compromised pic.twitter.com/vhkUdRRVHI
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) September 12, 2024
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि गणेश पूजा में शामिल होना कोई अपराध नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि न्यायपालिका और राजनेता अक्सर शादियों, धार्मिक आयोजनों और विभिन्न कार्यक्रमों में एक साथ शामिल होते हैं। ऐसे में यह सवाल उठाना कि प्रधानमंत्री का CJI के घर जाकर पूजा में शामिल होना न्यायपालिका की निष्पक्षता को प्रभावित करेगा, न केवल अनुचित है बल्कि यह न्यायपालिका का अपमान भी है।
प्रधानमंत्री मोदी का गणेश पूजा में शामिल होना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस मुद्दे पर गणेश पूजा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं और लिखा, “सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जी के आवास पर गणेश पूजा में शामिल हुआ। भगवान श्री गणेश हम सभी को सुख, समृद्धि और अद्भुत स्वास्थ्य प्रदान करें।”
सरन्यायाधीश, न्यायमूर्ती डी वाय चंद्रचूड जी यांच्या निवासस्थानी गणेश पूजेत सामील झालो.
भगवान श्री गणेश आपणा सर्वांना सुख, समृद्धी आणि उत्तम आरोग्य देवो. pic.twitter.com/5jNA0i45Zb
— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2024
पुरानी तस्वीरें और इफ्तार पार्टी का संदर्भ
विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में भाजपा प्रवक्ता ने 2009 की एक घटना का उल्लेख किया, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने आवास पर इफ्तार पार्टी आयोजित की थी। इस इफ्तार पार्टी में CJI केजी बालकृष्णन, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पी चिदंबरम, राहुल गांधी, शीला दीक्षित, लालकृष्ण आडवाणी, लालू प्रसाद यादव, सीताराम येचुरी जैसे कई वरिष्ठ नेता और राजनेता शामिल हुए थे।
इस आयोजन की तस्वीरें इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित की गई थीं, जिसमें तत्कालीन सीजेआई बालकृष्णन और मनमोहन सिंह को बातचीत करते हुए देखा गया था। इस उदाहरण को सामने रखकर भाजपा ने तर्क दिया कि अगर उस समय न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सवाल नहीं उठाए गए थे, तो अब भी नहीं उठाए जाने चाहिए।
विवाद के पीछे की राजनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणेश पूजा में शामिल होना एक सामान्य धार्मिक आयोजन था, जिसे विपक्षी दलों ने अनावश्यक विवाद का रूप दे दिया। विपक्ष ने इस आयोजन को लेकर कार्यपालिका और न्यायपालिका के संबंधों पर सवाल उठाए, जबकि इसी तरह के “इफ्तार” आयोजनों में वे पूरी तरह मौन रहते हैं। हिंदू त्योहारों के आयोजनों को लेकर विपक्ष का रुख हमेशा नकारात्मक और भेदभावपूर्ण रहा है।
भाजपा का मानना है कि विपक्ष न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संबंधों को मुद्दा बनाकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहा है। यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का विवाद खड़ा हुआ हो। पहले भी कई बार इन संस्थाओं के प्रमुखों के बीच मेल-मुलाकातों को लेकर विवाद हुआ है, लेकिन इस बार इसे धार्मिक एंगल देकर अधिक तूल दिया गया है।
टिप्पणियाँ