पटना हाई कोर्ट ने बुधवार को 2013 में गांधी मैदान में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में चार दोषियों की फांसी की सजा को 30 साल कैद में बदल दिया। इस मामले में इम्तियाज आलम, हैदर अली, नुमान अंसारी और मोजीबुल्लाह अंसारी को पहले फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे अब उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया है। वहीं, जिन दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई थी, उनकी सजा बरकरार रखी गई है।
यह फैसला पटना हाई कोर्ट की जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने सुनाया, जिन्होंने इस मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था। 27 अक्टूबर, 2013 को पटना के गांधी मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे) की रैली के दौरान सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुए थे, जिसमें कई लोग घायल हुए थे। इस घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने संभाली थी।
घटना की पृष्ठभूमि
गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में कुल नौ आरोपियों को सजा सुनाई गई थी, जिनमें से चार को फांसी की सजा दी गई थी। एनआईए की विशेष अदालत ने 2021 में इस मामले में फैसला सुनाते हुए चार दोषियों को मौत की सजा दी थी और आर्थिक जुर्माना भी लगाया था। अब हाई कोर्ट ने उन दोषियों की सजा में बदलाव करते हुए उन्हें 30 साल कैद की सजा सुनाई है।
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