तुंगनाथ मंदिर (Tungnath Mandir) उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। यह मंदिर महादेव के पंच केदारों में से एक है और समुद्र तल से लगभग 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसे दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है। तुंगनाथ मंदिर के दर्शन के लिए अक्टूबर का समय सबसे सही माना जाता है। इस मौसम में प्रकृति अपने सबसे सुंदर स्वरूप में होती है, चारों ओर हरियाली छाई रहती है और मौसम खुशनुमा होता है, जिससे यात्रा और भी आनंददायक हो जाती है।
तुंगनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व
तुंगनाथ मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है और पौराणिक कथा के अनुसार, यह वही स्थान है जहां पांडवों ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। पांडवों ने अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की खोज की थी और अंततः तुंगनाथ में शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त किया। यहां शिवजी का ‘हाथ’ प्रकट होता है, जबकि केदारनाथ में ‘पीठ’।
यात्रा का मार्ग
तुंगनाथ मंदिर की यात्रा चोपता नामक स्थान से शुरू होती है, जो कि तुंगनाथ तक ट्रेकिंग का शुरुआती बिंदु है। चोपता को ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है, क्योंकि यहां के घास के मैदान और पहाड़ियां देखने में बेहद आकर्षक हैं। चोपता से तुंगनाथ मंदिर तक की ट्रेक लगभग 3.5 किलोमीटर लंबी है। यह ट्रेक थोड़ा कठिन हो सकता है, लेकिन ट्रेक के दौरान बर्फ से ढके पर्वत और हरे-भरे पेड़ों के नजारे इस यात्रा को यादगार बनाते हैं।
चंद्रशिला चोटी
तुंगनाथ मंदिर के ऊपर स्थित चंद्रशिला चोटी, जो समुद्र तल से लगभग 4,000 मीटर की ऊंचाई पर है, ट्रेकर्स और साहसिक प्रेमियों के बीच खासा लोकप्रिय है। यहां से आपको हिमालय की प्रमुख चोटियों जैसे नंदा देवी, त्रिशूल, केदारनाथ और चौखम्बा के भव्य दृश्य देखने को मिलते हैं। अक्टूबर के दौरान मौसम ठंडा और सुहावना रहता है। इस समय बर्फबारी नहीं होती, जिससे ट्रेकिंग के लिए यह सही समय माना जाता है।
यात्रा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- यह ट्रेक ऊंचाई पर होता है, इसलिए शारीरिक फिटनेस का ध्यान रखना जरूरी है। इससे पहले कुछ हल्के व्यायाम या नियमित चलने की आदत डालें।
- ऊंचाई के कारण यहां का मौसम अचानक बदल सकता है, इसलिए गरम कपड़े, जैकेट और रेनकोट साथ में रखें।
- तुंगनाथ मंदिर एक पवित्र स्थल है, इसलिए धार्मिक अनुशासन और शिष्टाचार का पालन करना आवश्यक है।
कैसे पहुंचे तुंगनाथ?
- निकटतम हवाई अड्डा: जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून (लगभग 220 किमी)।
- निकटतम रेलवे स्टेशन: ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (लगभग 200 किमी)।
- सड़क मार्ग: चोपता सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और ऋषिकेश या देहरादून से बस या टैक्सी द्वारा यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
तुंगनाथ महादेव के दर्शन के लिए सितंबर-अक्टूबर का मौसम सबसे सुंदर और उचित माना जाता है। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती और धार्मिक महत्व आपको आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्रदान करेगा। इस बार आप भी महादेव के दर्शन के लिए तुंगनाथ की यात्रा की योजना बनाएं और हिमालय की गोद में बसे इस पवित्र स्थल का अनुभव करें।
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