नई दिल्ली । पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत का सफर ऐतिहासिक और रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धियों के साथ समाप्त हुआ है। रविवार को पैरालंपिक के अंतिम दिन भारतीय खिलाड़ी पूजा ओझा महिला 200 मीटर एकल केएल-1 स्पर्धा में फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकीं। वह सेमीफाइनल में 1:17.23 के समय के साथ चौथे स्थान पर रहीं, जिससे वह फाइनल की दौड़ से बाहर हो गईं। मौजूदा पैरालंपिक गेम्स में यह भारत का आखिरी इवेंट था और इस तरह भारत का पैरालंपिक 2024 का सफर समाप्त हो गया।
पेरिस पैरालंपिक में भारत ने अपने अब तक के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए कुल 29 पदक जीते, जिनमें 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य पदक शामिल हैं। यह भारत के पैरालंपिक इतिहास में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले, टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारत ने कुल 19 पदक (5 स्वर्ण, 8 रजत, 6 कांस्य) हासिल किए थे। इस बार भारत ने अपने सबसे बड़े दल को पैरालंपिक में भेजा, जिसमें 84 एथलीटों ने हिस्सा लिया।
एथलेटिक्स में भारत की शानदार सफलता
पैरालंपिक 2024 में भारत को सबसे अधिक पदक एथलेटिक्स में मिले। भारतीय एथलीटों ने कुल 17 पदक जीते, जिनमें 4 स्वर्ण पदक शामिल हैं। इसके अलावा, पैरा बैडमिंटन में भारत ने 1 स्वर्ण समेत 5 पदक, पैरा शूटिंग में 1 स्वर्ण समेत 4 पदक, पैरा आर्चरी में 1 स्वर्ण और 2 पदक, और पैरा जूडो में 1 कांस्य पदक जीता।
पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों का ऐतिहासिक सफर
भारत ने पैरालंपिक में 1968 से 2016 तक कुल 12 पदक जीते थे, लेकिन इसके बाद से भारतीय पैरा एथलीटों का प्रदर्शन शानदार रहा है। टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारत ने कुल 19 पदक हासिल किए और अब पेरिस पैरालंपिक 2024 में यह संख्या बढ़कर 29 हो गई। यह भारत के खेल इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और यह दर्शाता है कि पैरालंपिक में भारत की प्रगति तेजी से हो रही है।
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के पदकवीर
भारत को इस पैरालंपिक में पहला स्वर्ण पदक स्टार शूटर अवनि लेखरा ने दिलाया, जिन्होंने वूमेन्स 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद नितेश कुमार (पैरा बैडमिंटन), सुमित अंतिल (पैरा एथलेटिक्स), हरविंदर सिंह (पैरा तीरंदाजी), धर्मबीर (पैरा एथलेटिक्स), प्रवीण कुमार (पैरा एथलेटिक्स) और नवदीप सिंह (पैरा एथलेटिक्स) ने भी स्वर्ण पदक जीते।
भारत का पहला और आखिरी पदक, दोनों ही स्वर्ण पदक के रूप में रहे। पहला पदक अवनि लेखरा ने जीता, जबकि आखिरी पदक नवदीप सिंह ने मेन्स जैवलिन थ्रो एफ41 स्पर्धा में स्वर्ण पदक के रूप में हासिल किया। यह पहली बार है जब भारत ने पैरालंपिक गेम्स में इतने स्वर्ण पदक जीते हैं।
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