कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर की वारदात के मामले में जांच तेज होती जा रही है और इस मामले के तार आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करते हुए दक्षिण 24 परगना के कैनिंग इलाके में स्थित संदीप घोष के एक आलीशान फार्म हाउस का पता लगाया, जिसे करोड़ों रुपये की लागत से बनाया गया है। इस फार्म हाउस की जानकारी सामने आने के बाद से ही घोष के खिलाफ शक और गहराता जा रहा है। इस मामले में सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) भी सक्रिय हो गई है और उसने घोष पर अमीर बनने की चाहत में आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया है।
सीबीआई के अनुसार, संदीप घोष ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अपने करीबी लोगों को ठेके दिलाए। कोलकाता से पहले घोष मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तैनात थे, जहां उन्होंने दो वेंडरों—बिप्लब सिंह और सुमन हाजरा—को ठेके दिए थे। बाद में इन वेंडरों को उन्होंने आरजी कर अस्पताल में भी ठेके दिलाए। सीबीआई ने यह भी दावा किया कि घोष ने अपने सुरक्षा अधिकारी की पत्नी को काम पर रखा और उसे अस्पताल में कैफे चलाने का ठेका दिया।
CBI की अदालत में पेशी
सीबीआई ने अदालत को बताया, ‘जांच के दौरान अब तक एकत्र किए गए साक्ष्यों से पता चलता है कि डॉ. संदीप घोष ने अन्य आरोपियों के साथ आपराधिक मिलीभगत करके सरकार को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया। संदीप घोष वेंडर बिप्लब सिंह को तब से जानते हैं, जब वह मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में एचओडी के पद पर तैनात थे।
संदीप घोष का करियर ग्राफ
संदीप घोष ने 2016 से 2018 तक मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में काम किया। इसके बाद उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में स्थानांतरित कर दिया गया। फरवरी 2021 तक वे यहां अपनी सेवाएं देते रहे और इसके बाद उन्हें आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया। सितंबर 2023 में उन्हें फिर से मुर्शिदाबाद संस्थान भेजा गया, लेकिन एक महीने के भीतर ही वे वापस आरजी कर कॉलेज के प्रिंसिपल पद पर लौट आए।
हालांकि, 9 अगस्त को घटी घटना तक वह वहीं रहे। उन्होंने 12 अगस्त को इस्तीफा दे दिया, और तुरंत कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तैनात कर दिए गए। लेकिन अगले ही दिन, उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया और फिर सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद संदीप घोष को निलंबित कर दिया गया है।
आगे की जांच
संदीप घोष की गिरफ्तारी और जांच के बाद, इस मामले में कई और खुलासे होने की संभावना है।
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