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‘…तो रोक देंगे ऐसे विश्वविद्यालयों को Government Fund’, Trump का यहूदी विरोधी भावना फैलाने वालों पर कड़ा प्रहार

यह उन विश्वविद्यालयों को एक चेतावनी है जहां यहूदियों के विरुद्ध माहौल बनाने वाले विरोध प्रदर्शन प्रयोजित किये गए थे

by WEB DESK
Sep 7, 2024, 12:15 pm IST
in विश्व
राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

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ट्रंप का पार्टी के यहूदी अनुदानदाताओं से इस प्रकार का वादा करना यह भी दिखाता है कि इस्राएल—हमास संघर्ष को लेकर उनका क्या दृष्टिकोण रहने वाला है। साफ है कि यदि वह राष्ट्रपति बनते हैं तो अमेरिकी नीतियों में इस दृष्टि से एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है। आम अमेरिकी ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी में इस्लामवादियों के बेलगाम उत्पात देखकर वैसे भी भयभीत हैं।


अमेरिका में राष्ट्रपति पद के प्रबल रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में पिछले दिनों हत्यारे जिहादी संगठन हमास और फिलिस्तीन के पक्ष में जो प्रायोजित हलर उठाई गई थी, उसके संबंध में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने उन सभी अमेरिकी विश्वविद्यालयों को सावधान किया है जहां इस्राएल—हमास युद्ध की आड़ में यहूदियों के साथ भेदभाव बरता जा रहा है। अपनी पार्टी के लिए पैसे से मदद करने वाले यहूदी व्यवसायियों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने राष्ट्रपति चुने जाने की सूरत में ऐसे सभी विश्वविद्यालयों को सरकार की ओर से जा रहे अनुदान को रोक देने का वादा किया है।

साफ तौर पर यह उन्हीं विश्वविद्यालयों के लिए एक चेतावनी मानी गई है जहां यहूदियों के विरुद्ध माहौल बनाने वाले विरोध प्रदर्शन प्रयोजित किये गए थे, जिनके ​पीछे शैतानी मंशा वाले अरबपति जार्ज सोरोस का हाथ बताया गया था। गाजा में इस्राएल के हमास विरोधी सैन्य अभियान को बंद करने के लिए कई कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में वामपंथी और कट्टर मजहबी तत्वों ने भोले—भाले छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए पढ़ाई—लिखाई ठप करवा कर परिसरों को इस्राएल विरोधी आंदोलन का अड्डा बना दिया था। आंदोलनजीवी छात्रों ने पूरे देश में जगह जगह विरोध प्रदर्शन आयोजित करके परिसरों को जड़ कर दिया था।

डेमोक्रेट पार्टी ने उन कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है जो इस्लामवादी ‘शरणार्थियों’ के प्रति नरम बताई जाती हैं और यह उस देश के भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा माना जा रहा है। इसी पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ‘अमेरिका पहले’ की अपनी नीति पर चलते हैं और हर उस बात के विरोधी हैं जो अमेकिरी लोकतांत्रिक मूल्यों को चुनौती देती है।

ट्रंप का पार्टी के यहूदी अनुदानदाताओं से इस प्रकार का वादा करना यह भी दिखाता है कि इस्राएल—हमास संघर्ष को लेकर उनका क्या दृष्टिकोण रहने वाला है। साफ है कि यदि वह राष्ट्रपति बनते हैं तो अमेरिकी नीतियों में इस दृष्टि से एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है। आम अमेरिकी ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी में इस्लामवादियों के बेलगाम उत्पात देखकर वैसे भी भयभीत हैं।

आंदोलनजीवी छात्रों ने पूरे देश में जगह जगह विरोध प्रदर्शन आयोजित करके परिसरों को जड़ कर दिया था (File Photo)

वामपंथी और इस्लामवादी तत्वों अमेरिका के विश्वविद्यालयों में अंदर तक घुसपैठ किए हुए हैं। प्रो. ट्रश्के जैसी घोर हिन्दू विरोधी शिक्षक खुलेआम कट्टरता को समर्थन देती प्रतीत होती हैं। उनके पत्रक और पुस्तकें किसके पैसे से धड़ल्ले से छप रही हैं, उन्हें अनेक अंतरराष्ट्रीय सम्मान किसकी शह से मिल रहे हैं, यह स्पष्ट सोच वाले लोग बखूबी जानते हैं।

ऐसे तत्वों के कॉलेज—विश्वविद्यालय परिसरों में पैठ बना चुकने के कारण ही वहां यहूदियों को ‘अपराधी’ और कट्टर मजहबियों को ‘पीड़ित’ दिखाने की शरारत की जाती रही है। इसी का ट्रंप विरोध करते हैं। यहां बात फंड देने वालों को रिझाने की नहीं है, जैसा कि एक वर्ग दुष्प्रचार कर रहा है, बात है अमेरिकी लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण की है, जिसमें डेम्रोक्रेट उनसे एक कदम पीछे माने जाते हैं।

सिर्फ फंडिंग रोक देने की ही बात ट्रंप ने नहीं की, उन्होंने एक कदम आगे जाते हुए यह भी कहा कि अमेरिका में जो हमास के समर्थक छुपे बैठे हैं, उनको भी जेल में डाला जाएगा।

ट्रंप ने यह वादा कल लास वेगास में एक कार्यक्रम में किया। उस कार्यक्रम में ट्रंप की पार्टी को फंड करने वाले करीब एक हजार से अधिक यहूदी कारोबारी मौजूद थे। अमेरिकी विश्वविद्यालयों में यहूदी विरोधी दुष्प्रचार पर लगाम लगाने के साथ ही ट्रंप ने ऐसे कॉलेजों—विश्वविद्यालयों की मान्यता भी रद्द करने की बात कही है।

वे यह वादा भी करते हैं कि गाजा व आतंकवाद से प्रभावित दूसरे स्थानों से ‘शरणार्थी’ के नाते अमेरिका में बसने के सपने पालने वाले भी सावधान हो जाएं, उनके यहां पैर पसारने पर रोक लगाई जाएगी। इसके अलावा जो यहां हमास का समर्थन करना पाया जाएगा, उसके गिरफ्तार किया जाएगा।

हमास के ‘पक्षधर’ आंदोलनजीवियों की युद्ध बंद करने के साथ ही यह मांग भी थी कि अमेरिका की कंपनियां इस्राइल के साथ कोई कारोबार न करें। रिपब्लकिन पार्टी यह आरोप पहले से लगाती आ रही है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेता यहूदी विरोध भावनाएं भड़काने वालों के साथ खड़े दिखते हैं।

Topics: universitiesट्रंपdemocratsअमेरिकाanti jewsamericacampusfundtrumoisraelkamla jarrispelestineहमासHamasrepublican
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