स्वास्थ्य

भारत की पहली आई ड्रॉप जो आंखों से चश्मा हटाने में करेगी मदद

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Parul

हाल ही में एंटोड फार्मास्यूटिकल्स ने प्रेस्वू आई ड्रॉप्स लॉन्च किया है, जो पढ़ने के चश्मों की जरूरत को खत्म कर सकती है। केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने इन आई ड्रॉप्स को 270 से अधिक मरीजों पर किए गए क्लिनिकल ट्रायल के बाद मंजूरी दे दी है।

प्रेस्वू आई ड्रॉप्स प्रेस्बायोपिया, एक सामान्य उम्र से जुड़ी आंख की समस्या का इलाज करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। प्रेस्बायोपिया की समस्या आमतौर पर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। जिसमें व्यक्ति पास की वस्तु पर फोकस नहीं कर पाता है। यह दवा पुतली के आकार को कम करके काम करती है, जिससे नजदीक की वस्तुओं पर फोकस करने में मदद मिलती है।

एंटोड फार्मास्यूटिकल्स के सीईओ निक्खिल के. मासुरकर ने न्यूज 18 से बात करते हुए कहा, “प्रेस्वू केवल एक उत्पाद नहीं है, बल्कि एक ऐसा समाधान है जो लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है और उन्हें अधिक दृश्य स्वतंत्रता प्रदान कर सकता है।”

वैश्विक स्तर पर प्रेसबायोपिया से 1.09 से 1.80 बिलियन लोग प्रभावित हैं। यह स्थिति 40 के दशक के मध्य से शुरू होकर 60 के दशक के अंत तक बढ़ती जाती है। शार्प साइट आई हॉस्पिटल्स के सह-संस्थापक डॉ. सामिर सूद का मानना है कि जीवनभर के लिए इन ड्रॉप्स का इस्तेमाल “व्यावहारिक नहीं” है और क्लिनिकल ट्रायल में दवा की सफलता का मतलब है कि आधी लड़ाई जीत ली गई है।

प्रेस्वू आई ड्रॉप्स अक्टूबर में पर्चे पर आधारित उपचार के रूप में उपलब्ध होंगे। इनकी कीमत 350 रुपये होगी। ये ड्रॉप्स 40 से 55 वर्ष की आयु वर्ग के मामूली से मध्यम प्रेस्बायोपिया वाले लोगों के लिए उपयोगी होगी।

इस प्रकार, प्रेस्वू आई ड्रॉप्स प्रेस्बायोपिया से पीड़ित लोगों के लिए एक नया विकल्प हैं, हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि ये दीर्घकालिक समाधान नहीं हो सकते हैं। इसके साथ ही इसके कुछ गंभीर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।

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