मीडियाकर्मियों को संबोधित करते रा.स्व.संघ के आखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर दाएं हैं उत्तर केरल के प्रांत संघचालक एडवोकेट के.के बलराम
केरल के पलक्कड़ में 31 अगस्त से 2 सितम्बर तक चली रा.स्व.संघ की समन्वय बैठक के अंतिम दिन संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने कहा, ‘‘देश व समाज की एकता और अखंडता हमेशा से हमारी प्राथमिकता रही है। राजनीतिक लाभ के लिए देश और समाज को बांटने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।’’
संघ की समन्वय बैठक में बांग्लादेश में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और इस पर व्यापक चर्चा हुई। इसमें कहा गया कि बांग्लादेश में हिन्दुओं सहित अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार को बांग्लादेश सरकार से संवाद बनाए रखना चाहिए और इसे पुरजोर तरीके से उठाना चाहिए।
महिला सशक्तिकरण को लेकर श्री आंबेकर ने कहा, ‘‘समन्वय बैठक में कुल 300 प्रतिनिधियों में 32 महिला प्रतिनिधि सम्मिलित हुईं। गत एक वर्ष में पूरे देश में मातृशक्ति के 472 सम्मेलन आयोजित किए गए, जिसमें 5 लाख 75 हजार से अधिक माताओं-बहनों ने भागीदारी की। भारतीय चिंतन दृष्टि से समाज के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और उनके सशक्तिकरण के लिए महिला सम्मेलनों में गंभीर चिंतन हुआ है। समन्वय बैठक में उस पर आगे की योजना पर विचार हुआ है। उन्होंने बताया कि बैठक में आने वाले समय में पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती और रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती को व्यापक स्तर पर धूमधाम से मनाने की कार्ययोजना पर भी विचार हुआ।’’ बैठक में वायनाड में आए भूस्खलन में संघ और सेवा भारती के कार्यकर्ताओं के सेवाकार्यों की जानकारी दी गई, साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर भी विचार किया गया।
संघ की समन्वय बैठक में शामिल सभी संगठनों ने संघ के शताब्दी वर्ष के दौरान वे अपने-अपने क्षेत्र में किस प्रकार योजना बनाकर पंच परिवर्तन के लिए कार्य करेंगे, इसकी कार्ययोजना प्रस्तुत की। संघ ने अपने शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन को आधार मानकर जिन पांच आयामों को निर्धारित किया है, वे हैं- (1) स्व का बोध (2) नागरिक कर्तव्य (3) पर्यावरण (4) सामाजिक समरसता और (5) कुटम्ब प्रबोधन। इन पांच आयामों से ही देश और समाज का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित है।
Leave a Comment