हरतालिका तीज का पर्व विशेष रूप से सुहागिनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह त्योहार भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हरतालिका तीज का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। साथ ही अविवाहित कन्याएं अच्छे जीवनसाथी की के लिए इस व्रत को करती हैं। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। आइए जानते हैं इस शुभ दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, और कुछ खास उपाय।
माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। जब उनके पिता हिमालय ने उनका विवाह भगवान विष्णु से करने का निर्णय लिया, तो माता पार्वती की सखी उन्हें उठाकर जंगल में ले गईं। वहाँ, पार्वती जी ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या की। माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की तृतीया तिथि 5 सितंबर यानी कल दोपहर 12:21 बजे शुरू हो गई है और तिथि का समापन 6 सितंबर यानी आज दोपहर 3:01 बजे होगा। उदयातिथि के अनुसार आज हरतालिका तीज मनाई जा रही है।
हरतालिका तीज की पूजा का समय आज सुबह 6:02 बजे से 08:33 बजे तक रहेगा।
व्रत का संकल्प लें: सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। भगवान शिव और माता पार्वती को मन ही मन याद करें और पूरे दिन निर्जला व्रत रखने का प्रण करें।
हरतालिका तीज व्रत की कथा का श्रवण करना आवश्यक होता है। इस कथा में माता पार्वती और भगवान शिव की कथा सुनाई जाती है, जो इस व्रत का महत्व समझाती है।
पूजा स्थल को स्वच्छ करें और माता पार्वती व भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके साथ भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है।
शुभ मुहूर्त में भगवान शिव,माता पार्वती और भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करें। शिवलिंग पर जल, दूध और पंचामृत से अभिषेक करें। माता पार्वती को सिन्दूर, चूड़ियां और वस्त्र अर्पित करें। पूजा के अंत में आरती करें और प्रसाद बांटें।
हरतालिका तीज की रात को जागरण करना शुभ माना जाता है। इस रात भजन-कीर्तन करके माता पार्वती और भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए। व्रती को रात भर जागकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
इस दिन माता पार्वती को सिन्दूर चढ़ाने से पति की आयु लंबी होती है और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
अविवाहित कन्याएं अगर इस दिन निर्जला व्रत रखकर सच्चे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें, तो उन्हें उत्तम जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
यदि किसी के विवाह में देरी हो रही हो या समस्याएं आ रही हों, तो इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं।
Leave a Comment