तो आपने भी तय कर लिया कि अब वीडियो कन्टेन्ट में हाथ आजमाना है? अच्छी बात है। वैसे एक सफल यूट्यूब चैनल वह नहीं है जिसे आप किसी दिन अनायास ही चालू कर अपने वीडियो पोस्ट करना शुरू कर दें। यह प्रक्रिया शुरू करने से पहले खुद को और अपने भावी चैनल को थोड़ा समय देना आवश्यक है। आपको कुछ सवालों पर मंथन करना चाहिए, जैसे यह कि आपके चैनल का उद्देश्य क्या है, उस पर क्या दिखाया जाएगा, उसकी शक्ल-सूरत तथा पहचान कैसी होगी और वहां आने वाले दर्शक कैसे होंगे। इन सब सवालों के जवाब आपकी कल्पनाशक्ति के साथ-साथ ठोस कारणों पर भी आधारित होने चाहिए। हर सवाल के साथ यह भी जोड़कर देखिए कि आप ऐसा क्यों करना चाहते हैं।
सबसे पहला सवाल जो आपको हल करना है, वह है- आपके वीडियो चैनल का विषय जिसे अंग्रेजी में Niche कहते हैं। आप जिन मुद्दों पर आधारित वीडियो बनाएंगे, वे इसी विषय या Niche से आएंगे। जैसे किताबों पर आधारित चैनल में समीक्षाएं हो सकती हैं, अच्छी किताबों की सूचियां हो सकती हैं, कुछ खास पुस्तकों की सिफारिश की जा सकती है, अच्छी पुस्तक लिखने की तरकीबें साझा की जा सकती हैं, प्रभावशाली पुस्तकों का सार-संक्षेप दिया जा सकता है, लेखकों का साक्षात्कार लिया जा सकता है आदि-आदि। इन सबके बीच जो बात समान है, वह है किताब का केंद्र में होना। यही आपका Niche है जो चैनल की पहचान होने के साथ-साथ उसकी सफलता का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष है। इसका चयन करने के लिए कुछ बातों पर गौर करना चाहिए।
विषय ऐसा चुनें जिसमें आपकी गहरी रुचि हो और अधिकार भी। तकनीक का जुनूनी व्यक्ति, जो हर नए तकनीकी उपकरण और एप्लीकेशन को सबसे पहले आजमाने पर आमादा है, तकनीक पर आधारित चैनल शुरू करने के लिए एक बेहतरीन पात्र होगा। उसकी गहरी दिलचस्पी, जुनून और ज्ञान उसके वीडियो में झलकेगा। यह भी देखिए कि आपके चुने विषय में लोगों की दिलचस्पी कितनी है। विषय इतना अनूठा भी न हो कि उसके बारे में बहुत कम लोग दिलचस्पी रखते हों, जैसे हैम रेडियो के जरिए दुनिया के लोगों के साथ संवाद करने की कोशिश। इंटरनेट के जमाने में कौन किसी से बात करने के लिए इतनी मशक्कत करना चाहेगा। दर्शकों की दिलचस्पी के विषय ढूंढने के लिए गूगल ट्रेंड्स (trends.google.com) जैसी वेबसाइटों की मदद ले सकते हैं तो ट्विटर जैसे माध्यमों पर लोकप्रिय कीवडर््स और हैशटैग्स पर भी नजर डाल सकते हैं।
अब आप अपने विषय की तरफ बढ़ रहे हैं, लेकिन अभी कुछ और चीजें बाकी हैं। इस विषय पर दूसरे चैनलों की क्या स्थिति है? कहीं बहुत भीड़ तो नहीं लगी है- इतनी कि आपके लिए अपनी जगह बनाना ही मुश्किल हो जाए? फिर यह भी कि इन चैनलों को कितने लोग देखते हैं? अगर यह संख्या बड़ी है, तो मतलब यह कि इसमें लोगों की काफी दिलचस्पी है। यह भी देखिए कि उस विषय के लोकप्रिय चैनलों में कमियां कहां पर हैं? क्या आप उन कमियों को दूर कर सकते हैं? अगर हां, तो आपने अच्छे विषय का चयन किया है। चैनलों की भरमार के इस दौर में किसी विषय के भीतर भी विषयों की तलाश की जाती है और उनमें से किसी एक पर ध्यान केंद्रित कर लिया जाता है।
जैसे, तकनीक एक व्यापक क्षेत्र है लेकिन उसमें मोबाइल फोन, कंप्यूटर, इंटरनेट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आफिस एप्लीकेशन जैसे अनेक उप क्षेत्र हैं। इनके भीतर भी और गहराई तक जा सकते हैं। जैसे आफिस एप्लीकेशनों में सिर्फ माइक्रोसॉफ़्ट वर्ड पर ध्यान केंद्रित किया जाए, या फिर एक्सेल या पावर प्वाइंट पर। ऐसे उप क्षेत्रों पर केंद्रित चैनल भी अपनी जगह बना लेते हैं।
अंत में यह देखिए कि इस विषय का चयन करने से आपका मूलभूत उद्देश्य पूरा हो रहा है या नहीं-लोकप्रियता, विषय की विशेषज्ञता को मान्यता मिलना या फिर कमाई। अर्थलाभ आपका उद्देश्य है तो विषय ऐसा चुनिए जिससे मिलते-जुलते मुद्दों पर खूब विज्ञापन मिलते हों और देखे जाते हों।
(लेखक माइक्रोसॉफ़्ट में निदेशक पद पर कार्यरत हैं)।
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