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बांग्लादेश : “अल्हम्दुलिल्लाह, हमने एक शैतान को मार गिराया”, हिन्दू युवक पर हमला कर सोशल मीडिया पर मनाया जश्न

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SHIVAM DIXIT

बांग्लादेश । बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हमलों की एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। मुस्लिम कट्टरपंथी मोहम्मद एहसानुल हक ने सोशल मीडिया पर एक हिंदू युवक पर हमला कर खुलेआम जश्न मनाया और नफरत भरे संदेश पोस्ट किए। एहसानुल हक ने दावा किया कि उसने और उसके कट्टरपंथी साथियों ने हिन्दू युवक पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने का झूठा आरोप लगाकर उसकी हत्या कर दी। हालांकि इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस का कहना है कि हिंदू युवक जीवित और उसका इलाज किया गया है, वह अब खतरे से बाहर है।

एहसानुल हक ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “अल्हम्दुलिल्लाह, हमने एक शैतान को मार गिराया..!” इस पोस्ट के जरिए हक ने न केवल अपनी क्रूरता का जश्न मनाया बल्कि इसे दूसरों के लिए प्रेरणा भी बताया। इस नफरत भरे संदेश ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की सुरक्षा पर गहरी चिंता पैदा कर दी है।

क्या था पूरा मामला 

बुधवार रात बांग्लादेश के एक स्थानीय मदरसा से जुड़े कट्टरपंथी छात्रों का एक समूह 15 वर्षीय हिंदू नाबालिग को पुलिस थाने ले आया। आरोप है कि किशोर पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था। थाने में लाए जाने के बाद किशोर को बुरी तरह पीटा गया। धीरे-धीरे हजारों की संख्या में मदरसों के कट्टरपंथी छात्र थाने को घेरकर हिंसक प्रदर्शन करने लगे।

कट्टरपंथी भीड़ ने थाने में घुसकर हिंदू किशोर को बेरहमी से मारा और उसे मरी हुई हालत में छोड़ दिया। घटना के बाद मस्जिद के लाउडस्पीकर से ऐलान किया गया कि पैगंबर पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले किशोर को मार दिया गया है। इसके बाद भीड़ ने थाने से निकल कर इलाके में तांडव मचाया।

मीडिया रिपोर्ट्स में विसंगति

इस घटना की रिपोर्टिंग में बांग्लादेशी मीडिया ने बताया कि हिंदू किशोर की मौत हो गई है। वहीं, एक भारतीय मीडिया संस्थान के अनुसार, अधिकारियों ने जानकारी दी है कि किशोर गंभीर रूप से घायल है और उसका इलाज जारी है। इस विसंगति के बावजूद, घटना की गंभीरता और धार्मिक कट्टरपंथ के खतरे को लेकर गहरी चिंता जताई जा रही है।

इस प्रकार की हिंसक घटनाएं बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को उजागर करती हैं। कट्टरपंथी तत्वों द्वारा की गई यह कार्रवाई न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी कमजोर करती है।

झूठे आरोपों में हिन्दू अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना

बांग्लादेश में अक्सर हिन्दू अल्पसंख्यकों पर झूठे आरोप लगाकर उन पर हमले किए जाते हैं। कभी ईशनिंदा, कभी कुरान का अपमान, तो कभी इस्लाम के खिलाफ बगावत का झूठा आरोप लगाकर हिन्दुओं को निशाना बनाया जाता है। हाल की इस घटना में, जिस हिन्दू युवक पर हमला हुआ, उस पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।

अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा

इस हत्या के बाद से हिन्दू समुदाय में डर का माहौल है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस घटना ने बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के अस्तित्व को लेकर एक बार फिर गंभीर चिंता खड़ी कर दी है।

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