नई दिल्ली: भारत 2024 पेरिस पैरालंपिक्स में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है। भारत के खिलाड़ियों ने अब तक 25 पदक जीते हैं, जिनमें 5 स्वर्ण, 9 रजत और 10 कांस्य शामिल हैं। इसी के साथ भारत ने अब 13वें स्थान जगह बना ली है।
पैरालंपिक्स के 7 वें दिन के अन्त तक भारत ने 2 स्वर्ण पदक जीते। जिसमें भारतीय पैरा-खिलाड़ी हरविंदर सिंह ने आर्चरी में स्वर्ण अपने नाम करके इतिहास रच दिया। पैरालंपिक्स आर्चरी में भारत का यह पहला स्वर्ण है। पुरुष क्लब थ्रो F51 इवेंट में धर्मवीर ने भी स्वर्ण पदक जीता। साथ ही एक नया एशियाई रिकॉर्ड स्थापित किया।
हरविंदर सिंह का ऐतिहासिक स्वर्ण
2024 पेरिस पैरालंपिक में भारतीय पैरा-आर्चरी एथलीट हरविंदर सिंह ने इतिहास रचते हुए पुरुष व्यक्तिगत रिकर्व ओपन इवेंट में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने फाइनल में पोलैंड के लुकास चिस्जेक को 6-0 से हराया, जिसमें उनके स्कोर 28-24, 28-27, और 29-25 रहे। यह जीत हरविंदर के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह उनके करियर का दूसरा पदक है। उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक्स में भी कांस्य पदक जीतकर पैरा- आर्चरी में भारत का पहला पदक जीता था। हरविंदर सिंह ने कहा, “यह शानदार है, क्योंकि यह 12 साल पहले का एक सपना था जब मैंने आर्चरी शुरू की थी। मैंने अपनी भावनाओं और अपने शॉट्स को नियंत्रित किया, और परिणाम यह स्वर्ण पदक है।”
दृढ़ निश्चय के साथ जीता रजत
प्रणव सूर्मा ने पेरिस पैरालंपिक में पुरुष क्लब थ्रो F51 इवेंट में रजत पदक जीता। यह उनका पहला पैरालंपिक अनुभव था। 16 वर्ष की आयु में वह एक दुर्घटना का शिकार हो गये। परन्तु शारीरिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपने निश्चय को दृढ़ रखा। प्रणव ने अपनी पहली थ्रो में ही 34.59 मीटर फेंककर रजत पदक जीता।
धर्मवीर ने बनाया नया एशियाई रिकॉर्ड
35 वर्ष के धर्मवीर ने पुरुष क्लब थ्रो F51 इवेंट में स्वर्ण पदक जीता और एक नया एशियाई रिकॉर्ड स्थापित किया। उन्होंने 34.92 मीटर की थ्रो के साथ यह उपलब्धि हासिल की। धर्मवीर ने कहा, “यह जीत मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, और मैं अपने देश के लिए गर्व महसूस करता हूं।”
पैरालंपिक में प्रत्येक खिलाड़ी की जीत ने न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों को दर्शाया है, बल्कि यह भारतीय पैरा-एथलीटों की मेहनत और समर्पण का भी प्रतीक है। इस बार भारत पैरालंपिक में नई ऊंचाइयों पर पहुँच गया है।
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