नई दिल्ली, (हि.स.)। मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मामले में ट्रायल कोर्ट से हाई कोर्ट ट्रांसफर की गई 18 याचिकाओं को सुनवाई योग्य मानने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में हिन्दू पक्ष ने पहले ही कैविएट दाखिल कर रखी है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 1 अगस्त को मथुरा कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद मामले में 18 याचिकाओं को सुनवाई योग्य माना था। हाई कोर्ट ने इन 18 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की मांग भी मंजूर कर ली थी। हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल इन 18 याचिकाओं में विवादित स्थल को श्रीकृष्ण जन्मभूमि बताकर उसे हिन्दुओं को सौंपने की मांग की गई है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी हुई सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल सिविल वादों की सुनवाई हुई। पक्षों ने वाद विंदु दाखिल किए। मस्जिद पक्ष ने वाद बिंदु निर्धारण से पहले सभी मुकदमों की एक साथ सुनवाई के आदेश के वापसी की अर्जी की सुनवाई की मांग की। कोर्ट ने मंदिर पक्ष से मस्जिद पक्ष की अर्जी पर जवाब मांगा है। सभी 18 सिविल वादों की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन कर रहे हैं। मामलों की अगली सुनवाई की तिथि 23 सितम्बर नियत की गई है।
मस्जिद पक्ष की वरिष्ठ अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पक्ष रखा। कोर्ट से प्रार्थना की कि जनवरी 2024 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले के सभी मुकदमों को एक साथ सुनने का आदेश जारी किया गया था। इसके विरोध में रिकॉल आवेदन दाखिल किया था। लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने वाद की पोषणीयता पर सुनवाई शुरू कर दी थी।
अहमदी ने कोर्ट से प्रार्थना की कि पहले रिकॉल आवेदन पर सुनवाई की जाए। इसके बाद मुकदमे के सुनवाई की कार्रवाई को आगे बढ़ायी जाए। वाद नंबर 7 में लिखित कथन निर्धारित समय में दाखिल न करने पर एकपक्षीय सुनवाई का आदेश दिया। इसी मामले में मस्जिद पक्ष ने रिकॉल आवेदन दाखिल किया है।
वाद नंबर 13 के अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में वाद बिंदु दाखिल किया है। साथ ही कोर्ट से प्रार्थना की है कि इन्हीं बिंदुओं के आधार पर मामले का शीघ्र निस्तारण किया जाए। एक मामले में वादी आशुतोष पांडेय ने प्रार्थना पत्र दाखिल कर प्रतिदिन सुनवाई किए जाने की मांग की। अधिवक्ता हरे राम त्रिपाठी ने कोर्ट से इस मामले के सभी कागजात जमा करने के लिए अलग से हलफनामा दाखिल करने का समय मांगा।
टिप्पणियाँ