उत्तराखंड के आईएफएस कैडर में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। विवादों से घिरे अफसरों के कारण सरकार भी कई बार असहज हो चुकी है। एक सप्ताह पहले ही आईएफएस राहुल को राजाजी टाइगर रिजर्व का निदेशक नियुक्त किया गया था। बताया जा रहा है कि कॉर्बेट पार्क के निदेशक के तौर पर उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें यह नियुक्ति दी गई। लेकिन कॉर्बेट पार्क में उनके कार्यकाल के दौरान उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को नजरअंदाज कर दिया गया, जिसकी जांच सीबीआई और ईडी कर रही है। इसी मामले में पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत की भी सीबीआई और ईडी जांच कर रही है।
मीडिया में विवादित सुर्खियों के बाद आज सरकार ने आईएफएस राहुल को राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया। इसी तरह सीबीआई और ईडी जांच का सामना कर रहे आईएफएस सुशांत पटनायक को भी पीसीसीएफ के द्वारा पोस्टिंग दे दी गई जबकि श्री पटनायक के खिलाफ महिला स्टाफ के साथ आपत्तिजनक व्यवहार करने के आरोप में उन्हे मुख्यालय से अटैच किया गया था। आईएफएस पटनायक के खिलाफ प्रशासनिक महिला जांच संबंधी विशाखा ने भी रिपोर्ट दी है। सरकार ने आईएफएस सुशांत पटनायक की नियुक्ति को भी रद्द करते हुए उन्हें भी फिलहाल पद मुक्त कर दिया है।
पूर्व में भी कई आईएफएस अधिकारी अपने भ्रष्टाचार मामलो को लेकर सरकार की किरकिरी करा चुके है। बताया जा रहा है कि विवादों में घिरे आईएफएस संजीव चतुर्वेदी और आईएफएस कुंदन कुमार के बीच खींचतान चल रही है। दोनों ही अधिकारी हल्द्वानी वन अनुसंधान में तैनात हैं।
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