कर्नाटक भूमि विवाद के मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के फंसने के बाद अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रदेश के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने खड़गे के परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट को बेंगलुरू के बाहरी इलाके में एयरोस्पेस पार्क में पांच एकड़ का भूखंड आवंटित करने पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात की पुष्टि कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज और आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की चीफ सेक्रेटरी शालिनी रजनीश को पत्र लिखकर ट्रस्ट को भूमि आवंटन को लेकर विस्तृत जानकारी मांगी है। हालांकि, इस पर कांग्रेस बुरी तरह से भड़क गई है। प्रियांक खड़गे ने सियासत करते हुए आरोप लगाते हैं कि जब भी कांग्रेस नेताओं के खिलाफ याचिकाएं प्रस्तुत की जाती हैं तो राज्यपाल बिजली की गति से काम करते हैं। लेकिन, बीजेपी और जेडीएस के खिलाफ वो बहुत ही धीमे हो जाते हैं।
हालांकि, विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलवाड़ी नारायणस्वामी सहित भाजपा नेताओं ने खड़गे के परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट को जमीन के आवंटन पर सवाल उठाए हैं। नारायणस्वामी ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर खड़गे की अगुवाई वाले ट्रस्ट को पांच एकड़ की जमीन सौंप दी थी। यहीं नहीं उन्होंने राज्यपाल गहलोत से आग्रह किया था कि वो सीएम सिद्धारमैया को प्रियांक खड़गे को मंत्रिमंडल से बाहर करने के लिए निर्देशित करें।
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राजनीति पर उतरी कांग्रेस
गौरतलब है कि नारायणस्वामी के आरोपों पर कांग्रेस डिफेंसिव मोड में आ गई है। प्रियांक खड़गे कहते हैं कि चालावाड़ी केवल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ क्यों बोल रहे हैं, अन्य दलों के खिलाफ क्यों नहीं? उन्होंने जातिगत कार्ड खेलते हुए इसका आरोप बीजेपी और संघ पर लगाते हुए दलितों को विभाजित करने का आरोप मढ़ दिया।
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