नई दिल्ली: नार्वे के जलसीमा में शनिवार को ”ह्वाल्डिमिर” नामक सफेद बेलुगा व्हेल का शव मिला। ऐसी अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि ह्वाल्डिमिर रुस की जासूस थी। ह्वाल्डिमिर को पहली बार 2019 में नॉर्वे के उत्तरी तट पर देखा गया था, जो रूस के उत्तरी बेड़े के आधार मुर्मांस्क से लगभग 415 किमी दूर इंगोया द्वीप के पास था। उस समय व्हेल के गले में उपकरण की सहायता से गो प्रो कैमरा लगा हुआ मिला था। उपकरण पर ” इक्यूपमिंट ऑफ सेंट पिटर्सवर्ग” लिखा हुआ था।
व्हेल का शव मिला
नॉर्वे के सरकारी प्रसारक एनआरके के अनुसार दक्षिणी नॉर्वे के रिसाविका खाड़ी में मछली पकड़ रहे पिता और पुत्र को व्हेल का शव बहता दिखा। इस व्हेल का नाम नार्वेयाई भाषा के शब्द ‘ह्वाल’ और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के प्रथम नाम व्लादिमीर को मिलाकर रखा गया था। व्हेल के शव को क्रेन की सहायता से पानी से बाहर निकाल कर निकटवर्ती बंदरगाह पर ले जाया गया। यहां विशेषज्ञ व्हेल का परीक्षण करेंगे।
मौत का कारण अज्ञात
समुद्री जीववैज्ञानिक सेबेस्टियन स्ट्रैंड ने एनआरके से कहा कि, व्हेल के शरीर पर कोई बड़ी बाहरी चोट नहीं दिखाई दी है। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, हमने ह्वाल्डिमिर के शव को समुद्र में बहते हुए पाया। उसकी मौत हो गई है, लेकिन यह अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मौत का कारण क्या है?”
क्या ह्वाल्डिमिर रुस की जासूस थी?
नार्वे के घरेलू खुफिया एजेंसी कि जाँच के अनुसार व्हेल के रूसी सेना द्वारा प्रशिक्षित होने की संभावना है क्योंकि वह मानव के प्रति आदर्श था। हालाकि रुस के द्वारा इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं कि गई। बेलुगा व्हेल इतने दक्षिण इलाके में दुर्लभ होते हैं, इसलिए इस घटना ने सनसनी फैला दी थी।
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