चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों से बाज नहीं आ रहा है। फिलीपीन्स और चीन के बीच विवाद इसी को दिखाता है। ऐसा ही चीन ताइवान के साथ भी करने की कोशिश कर रहा है। चीनी ताइवान पर कब्जा करने की कोशिशें कर रहा है। इससे निपटने के लिए ताइवान अब संयुक्त राज्य अमेरिका से 1000 से अधिक स्टिंगर मिसाइलें खरीदने की योजना पर बना रहा है।
इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश में हिन्दू सरकारी कर्मियों से जबरन लिया जा रहा इस्तीफा, 5 अगस्त से अब तक लिया गया 50 शिक्षकों का इस्तीफा
रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान की सेना और नौसेना ने क्रमश: 2019 और 2015 में 250 स्टिंगर मिसाइलों का ऑर्डर दिया था। हालांकि, चीन की पीएलएल से निपटने के लिए ताइवान की मौजूदा फायर पॉवर पर्याप्त नहीं है। ताइवान के स्थानीय समाचार पत्र लिबर्टी टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान की सेना ने अमेरिका से करीब 55.54 बिलियन डॉलर में 1985 और स्ट्रिंगर मिसाइलों का ऑर्डर देने की तैयारी की है। MND की 2025 बजट रिपोर्ट के मुताबिक, सेना को 549 लॉन्च सिस्टम और 549 आइ़डेंटिफिकेशन और फ्रेंड्स ऑफ फो (IFF) सिस्टम मिलेंगे।
हालांकि, ताइवानी सेना ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि ये खरीद सेना की खरीद योजना में शामिल है या नहीं।
इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश में हिंदू शिक्षकों पर अत्याचार : जबरन इस्तीफा देने को मजबूर कर रहे कट्टरपंथी
ताइवान ने अमेरिका को भेजे पत्र
गौरतलब है कि इससे पहले मार्च में ताइवान ने अमेरिका को 11 पत्र भेजा था, जिसमें उसने 250 स्टिंगर मिसाइलों की डिलीवरी करने का आग्रह किया था। शुरुआत में ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने अमेरिका से अतिरिक्त स्टिंगर मिसाइलों की खरीदने को लेकर बातचीत की थी, ताकि वे अपनी एयरडिफेंस पॉवर को और अधिक मजबूत किया जा सके।
इसे भी पढ़ें: इस्लामी आतंकवाद का कहर : बुर्किना फासो में अल-कायदा के हमले में 100 बेगुनाहों की मौत
उल्लेखनीय है कि ताइवान के एमएनडी ने देश भर में 10 पीएलए विमानों और सात चीनी नौसेना के जहाज और दो आधिकारिक जहाजों का पता लगाया था।
टिप्पणियाँ